- बाह की चंबल रेंज के कुनबे में शामिल हुए 2700 नन्हे घड़ियाल
- चंबल नदी किनारे घड़ियालों की चल रही हैचिंग
- इस साल 147 नेस्टों में घड़ियालों ने अंडे दिए
Alligators Sanctuary: ताजनगरी आगरा के बाह की चंबल के कुनबे में हैचिंग से लगातार घड़ियालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। चंबल के कुनबे में 2700 नन्हे घड़ियाल और शामिल हो गए हैं। अभी चंबल नदी किनारे घड़ियालों की हैचिंग चल रह रही है। यह हैचिंग जून मध्य तक पूरी होने की संभावना है। आपको बता दें कि बाह क्षेत्र में अब तक केवल एक ही दिन हैचिंग हुई थी, दूसरे चरण में यह हैचिंग हुई है। इस साल मादा घड़ियालों ने 147 जगह अंडे दिए थे। मई अंत में हैचिंग शुरू हुई थी। पहले दिन गोहरा घाट पर आठ नेस्ट (घोंसलों) से 300 नन्हे घड़ियाल निकले थे। हैचिंग शुरू होने के बाद ही वन विभाग ने सभी घोंसलों से जाली हटा दी थी।
आगरा के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल बाह, इटावा रेंज में घड़ियाल के 144 घोसले थे। इस साल 147 नेस्टों में घड़ियालों ने अंडे दिए हैं। पिछले साल से अधिक घड़ियाल शिशुओं का जन्म होगा।
एक दो दिन में पूरा हो जाएगा हैचिंग का काम
मार्च के आखिर से अप्रैल तक चंबल की बालू में मादा घडियालों ने अंडे दिए थे। एक नेस्ट में 25 से 60 अंडे मादा घड़ियालों ने दिए थे। औसतन 32 बच्चे निकलते हैं। एक दो दिन में हैचिंग का काम पूरा हो जाएगा। 65 से 70 दिन बाद हैचिंग पीरियड शुरू होने पर वन विभाग ने नेस्टों पर लगी जाली हटा थी। हर नेस्ट पर जीपीएस से नजर रखी जा रही थी। नेस्टिंग के टाइम पर वन विभाग ने जीपीएस से लोकेशन ट्रेस कर जाली लगाई थी ताकि स्यार आदि अंडे को नष्ट न कर सकें।
नेस्टों से सरसराहट की आवाज आने पर जाली हटा दी गई थी
बाह के रेंजर आरके सिंह राठौर ने बताया कि नेस्टों से सरसराहट की आवाज आने पर जाली हटा दी गई थी। बाह रेंज में रेहा,मउ, हरलालपुरा बरेंडा, कछियारा,नदगवां, महुआशाला आदि इलाको में 93 नेस्ट थे। नेस्ट अधिक होने के कारण चम्बल मे घड़ियाल शिशुओं की संख्या बढ़ने की उम्मीद से वन विभाग भी उत्साहित है। आपको बता दें कि साल 2019 में चंबल नदी के 435 किमी दायरे में की गई गिनती में 1876 घड़ियाल मिले थे। 2020 में घड़ियालों की संख्या 1859 रह गई थी, लेकिन 2021 में चंबल में एक साल में 317 घड़ियाल बढ़े थे, जिससे संख्या 2176 हो गई थी।