- आगरा में लेखपाल से नाराज शख्स टावर पर चढ़ा
- लेखपाल पर जाति प्रमाणपत्र न बनाने और रुपये मांगने का आरोप
- तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित के बेटे को दिया जाति प्रमाणपत्र
Father Climbed Mobile Tower: ताजनगरी आगरा में लेखपाल से नाराज एक शख्स मोबाइल टावर पर चढ़ गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन उसने नीचे उतरने से साफ इनकार कर दिया। शर्त रखी कि जब तक बेटे का जाति प्रमाणपत्र नहीं बनेगा, नीचे नहीं आऊंगा। पुलिस ने मामले की सूचना तहसीलदार को दी। सूचना पर तहसीलदार मंगलवार की सुबह सात बजे मौके पर पहुंचे। तहसीलदार ने पीड़ित के बेटे को जाति प्रमाण पत्र दिया। तब शख्स टावर से नीचे आया।
जानकारी के अनुसार, सैंया थाना इलाके के एक गांव के रहने वाला श्रीनिवास मजदूरी करता है। श्रीनिवास के चार बच्चे है। श्रीनिवास के बड़े बेटे लवेश ने इंटर पास कर ली और सेना भर्ती की तैयारी कर रहा है।
लेखपाल ने जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए रिश्वत मांगी
बताया गया है कि श्रीनिवास के बेटे लवेश ने 15 जुलाई को ओबीसी का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि तत्कालीन लेखपाल ने बिना रिश्वत के बिना आवेदन आगे नहीं बढ़ाया। दो बार आवेदन निरस्त कर दिया। लवेश ने 30 अगस्त को फिर से आवेदन किया। लेकिन फिर भी लवेश का प्रमाण पत्र नहीं बना। आरोप है कि, लेखपाल ने जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। इतनी रकम मजदूर पिता के पास नहीं थी। इस बात से नाराज श्रीनिवास सोमवार रात 12:30 बजे घर के पास बने 180 फीट ऊंचे मोबाइल टावर पर चढ़ गया।
बिना जाति प्रमाणपत्र के नीचे उतरने को राजी नहीं हुआ श्रीनिवास
रात एक बजे श्रीनिवास ने पुलिस को फोन कर सूचना दी। सूचना मिलते ही एसएचओ योगेंद्र पाल सिंह मौके पर पहुंचे। रात में ही ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान पुलिस ने श्रीनिवास को समझाया, लेकिन श्रीनिवास ने किसी की बात नहीं मानी। वह बिना जाति प्रमाणपत्र के नीचे उतरने को राजी नहीं हुआ। बात न बनने पर एसएचओ ने खेरागढ़ के तहसीलदार प्रदीप कुमार को मामले की सूचना दी। सोमवार सुबह छह बजे तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए। तहसीलदार ने श्रीनिवास को नीचे उतरने के लिए मनाया, लेकिन उसने बिना जाति प्रमाणपत्र के उतरने से इनकार कर दिया।
रिश्वत न देने पर दो बार आवेदन किया निरस्त
इसके बाद तहसीलदार ने मौके पर ही लवेश का जाति प्रमाण पत्र दिया। सुबह करीब 7:30 बजे श्रीनिवास मोबाइल टावर से नीचे आया। लवेश ने बताया कि उसने 15 जुलाई को जनसेवा केंद्र से जाति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। लेखपाल ने रुपयों की मांग की। न देने पर दो बार निरस्त कर दिया था। उक्त लेखपाल के तबादले के बाद उसने 30 अगस्त को फिर से आवेदन किया। अब उससे 20 हजार रुपये मांगे गए। लवेश ने यह जानकारी अपने पिता को दी। मजदूर पिता के पास रुपये नहीं होने पर उसने ये कदम उठाया।