- 10 साल की मूक-बधिर मासूम बच्ची को आवारा कुत्तों ने नोंचा
- शरीर में सेप्टिक फैलने की वजह से हुई गुंजन की मृत्यु
- मासूम गुंजन की हुई थी सर्जरी
Agra News: आगरा के जिला अस्पताल में आई 10 साल की मासूम को आवारा कुत्तों ने नोंच डाला था। जब बच्ची को अस्पताल लाया गया तो बच्ची की हालत बहुत खराब थी। चिकित्सकों ने मासूम की हालत देखकर उसे तुरंत ऑपरेशन थिएटर ले गए। बच्ची का शरीर पूरी तरह से खून से लथपथ था। वहीं परिजनों का भी रो-रोकर बुरा हाल था। डॉक्टर के पूछने पर परिजनों ने बताया कि खूंखार कुत्तों ने इस मासूम पर हमला कर दिया है।
कुत्ते के हमले के बावजूद 10 साल की मासूम किसी को आवाज नहीं लगा सकी और न ही बुला सकी, क्योंकि वह बच्ची मूक-बधिर थी। इसीलिए वह किसी को आवाज भी नहीं लगा पाई। अस्पताल में मासूम की ऐसी हालत देख डॉक्टर भी हैरान रह गए।
मासूम बच्ची को लगे थे 36 टांके
यह घटना आगरा के दहतोरा क्षेत्र के गगोई गांव की है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि, मासूम बच्ची गुंजन बोल नहीं सकती। गुंजन की मां नहीं है और पिता भी मानसिक रुप से अस्वस्थ हैं। इसी कारण से वह अपनी दादी के पास रहती ही रहा करती थी। गुंजन प्रात:काल लगभग 05:30 बजे घर से निकल गई और रास्ते में खूंखार कुत्तों ने उसे घेरकर हमला कर दिया। एक साथ कई कुत्तों द्वारा हमला किए जाने से बच्ची पूरी तरह से सहम सी गई। कुत्तों ने उसके शरीर को बुरी तरह से काटा था। मासूम गुंजन की सर्जरी की गई थी। मासूम के शरीर पर लगभग 36 से अधिक टांके लगाए जा चुके थे।
8 डॉक्टरों की लगाई गई थी टीम
इस दौरान मासूम बच्ची के सिर से लेकर पांव तक शरीर पर घाव ही घाव थे और खून बह रहा था। मासूम बच्ची के इलाज के लिए जिला अस्पताल प्रशासन ने करीब 8 डॉक्टरों की टीम लगाई, जिसमें जिला अस्पताल के बेहतरीन सर्जन और डॉक्टर भी शामिल हैं। जहां बच्ची का पूरा शरीर घाव से भरा हुआ था। डॉक्टर भी मासूम की स्थिति को देखकर हैरान थे। वहीं, डॉक्टरों का कहना था कि, जिला अस्पताल में आज तक कोई ऐसा केस नहीं आया है, जिसको कुत्तों ने इतनी बुरी तरह से काटा हो।
बच्ची का जीवन नहीं बचाया जा सका
इस दौरान डिप्टी सीएमएस सी.पी. वर्मा ने कहा कि, मैं भी पहली बार ऐसा केस देख रहा हूं। जिला अस्पताल के डॉक्टरो के द्वारा गुंजन की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में जरुरत पड़ने पर बाजार से भी कुछ दवाओं को अपने निजी खर्चे से मंगाया गया है, ताकि बच्ची का जीवन बचाया जा सके। जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक कहा कि, गुंजन ऑक्सीजन सपोर्ट पर थी। 26 घाव के कारण शरीर में सेप्टिक फैल गया था। इस वजह से उसकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम कराने से परिवार ने इंकार कर दिया। रात में ही उसके परिजन शव को घर ले गए।