- आगरा में जागरूकता के अभाव में तेजी से बढ़ रहे एड्स के मामले
- छह महीने में आगरा में एड्स के 300 नए रोगी मिले
- हर महीने सामने आ रहे 50 नए मरीज
Agra AIDS patient News: आगरा में छह महीने में करीब 300 एड्स के नए रोगी मिले हैं। यानि हर महीने 50 नए मरीज सामने आ रहे हैं। यह सभी पुष्ट संक्रमित हैं। इससे समझा जा सकता है कि सावधानी के बाद भी जिले में एड्स लोगों को गिरफ्त में ले रहा है। इनमें सबसे ज्यादा 7229 मरीज असुरक्षित यौन संबंधों के कारण हैं। अक्टूबर 2021 तक जिले में कुल पंजीकृत ऐसे मरीजों की संख्या 10,975 थी। अब अप्रैल तक के आंकड़े आए हैं। इसमें यह संख्या बढ़कर 11,267 हो गई है। इस तरह 292 रोगी और बढ़ गए हैं।
अक्टूबर तक मौत का आंकड़ा 573 था। अप्रैल के आंकड़ों के मुताबिक यह संख्या 580 हो गई है। यानि इस दौरान सात लोगों की मृत्यु हो चुकी है। जबकि मौजूदा समय में एक्टिव मरीजों की संख्या 4,478 है। इसके मूल में लापरवाही और गलतियों के साथ दूसरे भी तमाम कारण हैं। इसके लिए 18 मई को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस मनाया जाता है।
हर माह जोखिम में आते हैं 12 स्वास्थ्य कर्मी
मरीजों के इलाज के दौरान एक महीने में औसतन 12 स्वास्थ्य कर्मी एक्सपोजर की चपेट में आ जाते हैं। बचाव के लिए उन्हें 28 दिन का पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलेक्सिस इलाज दिया जाता है। डाक्टर और कर्मचारी गलती से खुद को सुई लगने या दूसरे कारणों से संपर्क में आ जाते हैं। यह कोई छुआछूत वाला रोग नहीं है। कई कारणों से यह किसी को भी हो सकता है। इसलिए किसी बात की शर्म नहीं करनी चाहिए। संदेह होने पर जांच कराएं। एसएनएमसी में मुफ्त इलाज उपलब्ध है। कई मरीज नियमित इलाज कराने के बाद सामान्य जीवन जी रहे हैं। उनकी शादी भी हुई हैं, बच्चे भी हुए हैं। बस इलाज को बीच में छोड़ना नहीं चाहिए।
वैक्सीन नहीं, संक्रमण के प्रमुख 11 कारण
कोविड की वैक्सीन आ चुकी है। इससे बचाव भी हो रहा है, लेकिन एड्स की कोई वैक्सीन नहीं आई है। इसके लिए तमाम शोध चल रहे हैं। एड्स संक्रमण की चपेट में आने के प्रमुख 11 कारण हैं। यानि इतने स्तरों पर बचाव की जरूरत है। जरा लापरवाही हुई तो चपेट में आ सकते हैं।
सिर्फ एसएन मेडिकल कालेज में है इलाज
आगरा व आसपास एड्स के इलाज का केंद्र सिर्फ एसएन मेडिकल कालेज है। यहां के एआरटी सेंटर में अभी 4000 से अधिक सक्रिय केस हैं। इनका इलाज चल रहा है। हर रोज विभाग की ओपीडी लगती है। एक एनजीओ भी मरीजों की खोज और उनके इलाज में मदद करता है।