- ताजमहल में प्रवेश के लिए साल 1966 में पहली बार टिकट लगाने की शुरुआत हुई थी
- पर्यटकों को पहली बार 11 दिन के लिए ताजमहल में नि:शुल्क प्रवेश दिया गया
- अंत के तीन दिन में तो हर दिन एक लाख से ज्यादा पर्यटक ताजमहल पहुंचे
Agra News: आगरा के ताजमहल में प्रवेश के लिए साल 1966 में पहली बार टिकट लगाने की शुरुआत हुई थी। इसके बाद से पहली बार 11 दिन के लिए ताजमहल में पर्यटकों को नि:शुल्क प्रवेश दिया गया। इस दौरान लगभग सात लाख से अधिक पर्यटक दुनिया के सात अजूबों में शामिल इस वैश्विक धरोहर को देखने के लिए पहुंचे। कोरोना काल के दो साल बाद ताजमहल पर लगातार कई दिनों तक पर्यटकों की भीड़ उमड़ी रही। ताजमहल पर भीड़ संभालने में सुरक्षाकर्मियों के पसीने छूट गए। यदि सामान्य दिनों में इतने पर्यटक आते, तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को लगभग 10 करोड़ से अधिक की आय होती।
देश में मनाए गए आजादी के अमृत महोत्सव के तहत एएसआई ने 5 अगस्त से 15 अगस्त तक सभी संरक्षित स्मारकों में पर्यटकों का प्रवेश नि:शुल्क कर दिया था। प्रवेश के लिए टिकट नहीं होने के कारण से ताजमहल में पांच अगस्त से ही पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। वहीं अंत के तीन दिन में तो हर दिन एक लाख से ज्यादा पर्यटक ताजमहल पहुंचे। 15 अगस्त को यह आंकड़ा करीब सवा लाख से अधिक पहुंच गया।
नौ दिन ही पर्यटक कर सके ताजमहल का दीदार
11 दिन ताजमहल में बिना टिकट प्रवेश दिया गया था, लेकिन शुक्रवार को ताजमहल बंद होने के कारण केवल नौ दिन ही पर्यटकों को ताजमहल का दीदार करने का मौका मिला सका। इससे पहले केवल शाहजहां के उर्स पर ताजमहल में तीन दिन प्रवेश नि:शुल्क रहता है। यहां पर काम करने वाले गाइड्स के अनुसार एक दिन में लगभग 70 से 75 हजार पर्यटक ताजमहल का दीदार करने के लिए आते है। सुरक्षा के लिहाज से और भीड़ को संभालने के लिए पुलिस और पीएसी लगानी पड़ी।
10 करोड़ तक का हुआ नुकसान
आगरा ताजमहल में अगर आम दिनों में इतने पर्यटक आते, तो एएसआई को लगभग दस करोड़ रुपए से ज्यादा की आय होती। अगर सात लाख भारतीय पर्यटक भी होते,तो 50 रुपए प्रति पर्यटक के हिसाब से प्रवेश टिकट से ही लगभग 3.5 करोड़ रुपए मिलते। अगर सात लाख में से आधे पर्यटक भी मुख्य मकबरे को देखने के लिए 200 रुपए का टिकट लेते, तो इससे लगभग सात करोड़ रुपए की आय होती।
ताजमहल के दीदार के लिए 1966 में पहली बार लगा था टिकट
आगरा के ताजमहल में पहली बार 1966 में टिकट लागू किया गया था। उस समय टिकट की कीमत 20 पैसे हुआ करती थी। वहीं ताजमहल के प्रति पर्यटकों की दीवानगी को उमड़ने वाली भीड़ के साथ टिकट की कीमत भी बढ़ती गई। पर्यटकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्टेप टिकट लागू कर दिया गया है।ताज में प्रवेश के लिए भारतीय पर्यटक से 50 और विदेशी पर्यटक से 1100 रुपए लिए जाते हैं। ताज में मुख्य गुंबद तक जाने के लिए 200 रुपए का अतिरिक्त टिकट है। इस तरह पूरा ताजमहल घूमने के लिए भारतीयों के लिए 250 और विदेशियों के लिए 1300 रुपए का टिकट है।