- छह शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नगर निकायों में बनेगा प्लान
- 31 जुलाई तक तैयार करना है मॉडल प्लान
- हर 15 दिन पर शासन को भेजनी होगी प्रगति रिपोर्ट
Agra News: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों में सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए सरकार ने नए सिरे से पहल शुरू की है। इसके तहत लखनऊ समेत छह नगर निकायों में ठोस कूड़े के वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण के लिए मॉडल एक्शन प्लान तैयार कर काम शुरू करने की तैयारी है। इन निकायों में तीन बड़े (नगर निकाय) व तीन छोटे निकायों को शामिल किया गया है। नगर निगम वाले निकायों में लखनऊ के अलावा वाराणसी एवं मथुरा-वृंदावन होंगे, जबकि छोटे निकायों में आगरा का दयालबाग नगर पंचायत, मुजफ्फरपुर का बुढ़ाना और उरई नगर पालिका परिषद सम्मिलित हैं।
जानकरी के लिए बता दें कि मॉडल प्लान की खास बात यह होगी कि इन छह निकायों में ‘ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली-2016’ के सभी प्रावधानों के मुताबिक आठ कार्य पूरे किए जाएंगे। शासन ने निकायों को मॉडल प्लान तैयार करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया है।
15 दिनों में देनी है रिपोर्ट
मिली जानकारी के अनुसार ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली में कचरा निस्तारण के लिए सुझाए गए सभी आठ तरह के कार्यों पर आधारित मॉडल एक्शन प्लान के तहत सभी कार्यों को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी को हर 15 दिन में प्रगति की समीक्षा कर रिपोर्ट देनी होगी। इस कार्य के लिए टीम बनाकर कार्य किया जाएगा।
करने होंगे ये प्रमुख कार्य
जानकारी के लिए बता दें कूड़ा निस्तारण के लिए आठ तरह कार्य तय किए गए हैं। इनमें सभी वार्डों में ठोस कूड़े का डोर-टू-डोर कलेक्शन होगा। सभी वार्डों में उठान स्थल पर ही सूखे व गीले कचरे को अलग करना होगा। दोनों तरह के कचरे को ढोने की अलग-अलग परिवहन व्यवस्था करनी होगी। कंपोस्ट पिट व मैटेरियल रिकवरी सेंटर (एमआरएफ) के लिए भूमि का चयन किया जाएगा। सरकारी भूमि की अनुपलब्धता में लीज पर या क्रय कर भूमि की व्यवस्था की जाएगी। सूखे कचरे के लिए कंपोस्ट पिट व गीले कचरे के लिए एमआरएफ या प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना होगी। कूड़ा निस्तारण के लिए शहर के बाहरी क्षेत्र में गड्ढे जैसी भूमि का चयन करना होगा। लीगेसी वेस्ट को चिह्नित कर उसके निस्तारण के लिए एजेंसी का चयन करना अनिवार्य है।