- अब मोबाइल एप के जरिए पकड़े जाएंगे नियम तोड़ने वाले वाहन चालक
- स्मार्ट सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर को आरटीओ के सर्वर से जोड़ने की कवायद
- स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम एप की टेस्टिंग
Agra Traffic Rule News: आगरा में ट्रैफिक पुलिस अब हाईटेक होगी। अब मोबाइल एप के जरिए नियम तोड़कर या हादसे के बाद मौके से फरार होने वाला चालक ट्रैक करके पकड़ा जा सकेगा। शुक्रवार को स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम एप की टेस्टिंग की गई। यह एप मंडलायुक्त अमित गुप्ता के सुझाव पर तैयार किया गया है। स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम से जुड़े इस मोबाइल एप पर अलर्ट का मैसेज आते ही यातायात और परिवहन विभाग की टीम को तेज रफ्तार से दौड़ती या हादसा करके भाग रही गाड़ी चिह्नित हो जाएगी। उसे वे अगले चौराहे तक पकड़ सकेंगे।
आरटीओ और नगर आयुक्त की अध्यक्षता में स्मार्ट सिटी की मीटिंग रूम में बैठक हुई। टीटीजेड में 15 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है। आरटीओ ने ऐसे वाहनों की सूची जारी कर दी है। इसके बावजूद शहर में ऐसे वाहन चलते पाए जाते हैं। यही नहीं परमिट को लेकर भी दिक्कत होती है।
वाहन सॉफ्टवेयर से जुड़ेगा सेंटर
नगरायुक्त निखिल टी फुंडे ने बताया कि अभी तक चालान के लिए वाहनों के फोटो और ब्योरा आरटीओ को उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन जल्द ही परिवहन निगम के वाहन सॉफ्टवेयर से कमांड कंट्रोल सेंटर को जोड़ा जाएगा, ताकि आरटीओ में टीम को सीधे वाहनों का ब्योरा मिल जाए। इसके लिए वाहन सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जाएगा। आरटीओ कपिलदेव सिंह ने बताया कि इससे चालान की प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
अभी ये है व्यवस्था
आगरा शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाली गाड़ियों के फोटो और ब्योरा स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से आरटीओ को भेजा जाता है, जहां से चालान किए जाते हैं। नगर निगम में नगरायुक्त, यातायात पुलिस, प्रशासन और आरटीओ के अधिकारियों की बैठक में नगर निगम पर आरटीओ की निर्भरता को कम करने के लिए स्मार्ट सिटी के कंट्रोल कमांड सेंटर से आरटीओ के चालान सिस्टम को जोड़ने का निर्णय लिया गया।
इन नियमों के उल्लंघन में होगी कार्रवाई
स्मार्ट सिटी के कमांड कंट्रोल सेंटर से नौ श्रेणियों में वाहनों पर कार्रवाई की जाती है। इनमें अनफिट स्कूल वाहन, सरेंडर किए हुए वाहन, 15 साल पुराने वाहन, ओवरलोड वाहन, परमिट नियमों का उल्लंघन करके शहर में चलने वाले देहात के ऑटो, गलत नंबर प्लेट वाले वाहन, सीट बेल्ट, हेलमेट आदि नौ बिंदुओं पर चालान वाहन स्वामी के घर भेजे जाते हैं।