- स्वस्थ ई-गुरुकुल एप पर मिलेगी अब टीबी की सारी जानकारी
- प्रदेश में सबसे पहले आगरा में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
- आशाएं मरीजों को करेंगी जागरूक, मिलेगा प्रशिक्षण
Swasth E Gurukul App: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में अब स्वस्थ ई-गुरुकुल एप के माध्यम से आशाएं क्षय रोग खात्मे में सहयोगी बनेंगी। वह लोगों को एप के बारे में बताएंगी और इसके प्रयोग के लिए जागरूक करेंगी। इस एप पर टीबी रोग से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध होगी। इसके लिए आशाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सोमवार को राज्य क्षय रोग प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन केंद्र (एसटीडीसी) में 30 मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। ये ही मास्टर ट्रेनर अब आशाओं को प्रशिक्षित करेंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव के अनुसार, 2025 तक टीबी के खात्मे का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं को समुदाय स्तर पर टीबी रोग के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसके लिए स्वस्थ ई-गुरुकुल एप के जरिए प्रशिक्षित करने का पायलट प्रोजेक्ट प्रदेश में सबसे पहले ताजनगरी आगरा में शुरू किया गया है।
30 मास्टर ट्रेनरों को दिया गया प्रशिक्षण
सीएमओ ने बताया कि इसमें टीबी के लक्षण, बचाव की जानकारी देने के साथ संभावित मरीज का विवरण एप से डाउनलोड किया जाएगा। इसके बाद टीम नमूना लेगी, जिसकी जांच की जाएगी। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संत कुमार ने कहा कि स्वस्थ ई-गुरुकुल एप के जरिए पायलट प्रोजेक्ट में 210 आशाओं को टीबी के बारे में जानकारी दी जाएगी। एसटीडीसी के डायरेक्टर डॉ. संजीव लवानियां के अनुसार, सोमवार को 30 मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया। इनमें 24 आगरा के थे। जबकि दो मथुरा, दो फिरोजाबाद और दो मैनपुरी जिले से आए थे। ये मास्टर ट्रेनर आशाओं को प्रशिक्षण देंगे।
लोगों को टीबी से बचाव के उपाय बताएंगी आशाएं
डीटीडीसी कंसल्टेंट डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि आशाएं अब तक टीबी के मरीजों को दवाई खिलाने और केंद्र तक ले जाती थीं, लेकिन अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। जिला पीपीएम समन्वय कमल सिंह ने कहा कि स्वस्थ ई-गुरुकुल एप पर प्रशिक्षण लेने के बाद आशाएं लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करेंगी। उन्हें टीबी से बचाव के बारे में जागरूक करेंगी। एप पर ही मरीज की सभी जानकारी ट्रैक कर पाएंगी। इस एप के माध्यम से ही आशाओं के पास मरीज की जांच रिपोर्ट से लेकर उनकी दवाईयों के बारे में सारी जानकारी पहुंचेगी।