- अब आगरा में यमुना रहेगी पानी से लबालब
- योगी के बजट में रबर डैम को मिले 20 करोड़
- आगरा नहर, चंबल डाल परियोजना का भी होगा विकास
Rubber Dam In Agra: ताजमहल के पीछे यमुना में अब हर समय पानी रहेगा। सरकार ने बजट में रबर डैम बनाने के लिए 20 करोड़ का प्रावधान रखा है। इस राशि से इसमें 10 करोड़ रुपये भू अधिग्रहण व दस करोड़ रुपये से निर्माण व अन्य कार्य पर खर्च होंगे। नहरों का रखरखाव, बांध-बंधियों की मरम्मत सहित सिंचाई कार्यों के लिए करीब 72 करोड़ रुपये का बजट मिला है। ताजमहल की डाउन स्ट्रीम में स्थित नगला पैमा में यमुना नदी पर रबर डैम प्रस्तावित है। 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अपने आगरा आगमन के दौरान इस डैम का शिलान्यास किया था, लेकिन अनापत्तियां नहीं मिलने के कारण प्रोजेक्ट अधर में लटक गया था।
पिछले माह नीरी से रबर डैम को हरी झंडी मिल गई। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 300 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने अब इस योजना के लिए 20 करोड़ रुपये रखा है।
कटान को रोकने के लिए बनेगी पत्थर की दीवार
इसके साथ ही आगरा नहर, चंबल डाल परियोजना के अलावा नए बजट में आगरा रजवाह, टर्मिनल रजवाह सिकंदरा रजवाह के लिए 4.25 करोड़ रुपये दिए हैं। तनोरा नूरपुर में यमुना के कटान को रोकने के लिए पत्थर की दीवार बनाई जाएगी। इस कार्य के लिए 1.03 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया है।
12 करोड़ से होगा आगरा नहर का जीर्णोद्धार
उधर, हरियाणा से लेकर आगरा तक बनी 160 किमी. लंबी आगरा नहर के जीर्णोद्धार के लिए 2022-23 के बजट में सरकार ने 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे नहर की मरम्मत, रखरखाव किया जाएगा। पिनाहट स्थित चंबल डाल नहर परियोजना के लिए भी सरकार ने बजट में 1.20 क रुपये का प्रावधान किया है। आगरा नहर की क्षमता 4000 क्यूसेक है।
फसलों की सिंचाई के लिए मिल पाता है करीब 500 क्यूसेक पानी
ब्रिटिशकाल में बनी ये नहर हरियाणा के रास्ते पलवल, मथुरा होते हुए आगरा में जोधपुर झाल (कोठम) के पास खत्म होती है। जहां नहरों का चौराहा बना है। यहां से आगरा रजबहा फतेहपुरसीकरी, आगरा टर्मिनल, सिकंदरा रजवहा सहित चार नहर प्रणालियां संचालित होती हैं। इनसे जिले में 70 नहर माइनर में पानी पहुंचता है। लोअर नहर सिंचाई खंड आगरा में नहर व माइनर की लंबाई करीब 700 किमी. है। वर्तमान में क्षमता 2000 क्यूसेक रह गई है। इसमें से भी आगरा को रोस्टर के मुताबिक 400 से 500 क्यूसेक पानी ही फसलों की सिंचाई के लिए मिल पाता है।