- आगरा में एक अगस्त से ऑनलाइन होंगे म्यूटेशन
- नगर निगम में 31 जुलाई तक ऑनलाइन प्रक्रिया लागू होगी
- प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने जारी किया आदेश
Agra Nagar Nigam: आगरा नगर निगम में म्यूटेशन (नामांतरण) की प्रक्रिया अब ऑफलाइन नहीं होगी। शासन के निर्देश पर निगमों में पहले ही इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया था बावजूद इसके कई निगमों में ऑफलाइन म्यूटेशन हो रहे हैं। एक अगस्त से ऑफलाइन प्रक्रिया को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले सात नगर निगमों लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद व मेरठ में एक अगस्त से ऑफलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि इसके पहले नगर निगमों में 31 जुलाई तक ऑनलाइन प्रक्रिया लागू कर दी जाएगी।
प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कहा कि म्यूटेशन के आवेदन के बाद 45 दिनों में यह काम पूरा न होने पर मुख्य तौर पर निर्धारण अधिकारी या अपर नगर आयुक्त से अनुमति लेनी होगी। इन अधिकारियों को छह कार्यदिवस में आवेदन पर फैसला लेना होगा। नगर आयुक्त की अनुमति पर म्यूटेशन होगा।
संपत्तियों के म्यूटेशन की ऑनलाइन व्यवस्था होगी लागू
शासनादेश में कहा अविवादित म्यूटेशन के तीन प्रतिशत से अधिक मामलों में 45 दिन के अंदर फैसला न होने पर संबंधित जोन के जोनल अधिकारी का विवरण शासन को उपलब्ध कराया जाएगा। निगम हर तीन महीने में यह सूचना शासन को उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश के 60 शहरों में 12 सेवाओं के साथ संपत्तियों के म्यूटेशन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है।
केंद्र और यूपी के नगर विकास विभाग के बीच हुआ एमओयू
आपको बता दें कि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की मौजूदगी में राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के अंतर्गत केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय और प्रदेश सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। केंद्र की ओर से मिशन निदेशक स्मार्ट सिटी और प्रदेश सरकार की ओर से विशेष सचिव नगर विकास अमित कुमार सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
एनयूडीएम के माध्यम से नागरिकों को उपलब्ध होंगी सेवाएं
बैठक में मुख्य सचिव ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों को तय समय सीमा में नागरिक सेवाओं को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि एनयूडीएम ‘पीपुल्स’, ‘प्रोसेस’ और ‘प्लेटफार्म’ जैसे तीन स्तंभों पर काम करते हुए शहरी भारत के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा विकसित करेगा। उन्होंने बताया कि एनयूडीएम के अंतर्गत एक ‘ओपेन सोर्स डिजिटल प्लेटफार्म’ विकसित किया जाएगा। इसके माध्यम से नागरिकों को संपत्ति का कर मूल्यांकन व भुगतान, बिल्डिंग प्लान एप्रूवल, म्यूनिसिपल ग्रीवांस रिड्रेसल, ट्रेड लाइसेंस, एनओसी, जल एड सीवरेज, यूजर चार्ज, एकाउंट और फाइनेंस, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।