- शहर के 92 नालों में से 61 नाले का पानी नदी में गिरता है
- नालों की टेपिंग और एसटीपी का किया जाएगा निर्माण
- 23 नालों की टेपिंग के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी
Agra Jal Nigam News: ताजनगरी में अब नदी की स्वच्छता पर ध्यान दिया जा रहा है। यमुना नदी का प्रदूषण कम करने के लिए जल निगम ने एक नई योजना बनाई है। इसके तहत शहर के नालों की टेपिंग की जाएगी। बता दें शहर में 92 नाले हैं, जिनमें से 61 नालों का पानी सीधे यमुना नदी में गिरता है। इन 61 नालों का मुंह बंद किया जाएगा। अभी 23 नालों की टेपिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जल निगम ने पहले ही 31 नाले के मुंह को बंद कर दिया है। अब इन नालों का पानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट होता है।
अभी निजी कंपनी बीएटेक वबाग शहर के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का संचालन कर रही है। शहर के धांधूपुरा स्थित 76 एमएलडी की एसटीपी का विस्तार कर वहां 100 एमएलडी का एसटीपी बनाया जाएगा। इस बारे में जल निगम के मुख्य अभियंता आरके शर्मा ने बताया कि टीटीजेड के नियमों की वजह से योजना में कुछ अड़चन थी। अब सभी अड़चन हट गए हैं। अब चरणबद्ध तरीके से एसटीपी का काम किया जाएगा। नालों की टेपिंग के लिए प्रस्ताव बना है। इसमें 38 नालों का प्रस्ताव नमामि गंगे मिशन को भेज दिया गया है।
1993 से चल रहा यमुना एक्शन प्लान
यमुना एक्शन प्लान 1993 से चल रहा है। प्लान का दूसरा फेज 2003 में शुरू हुआ है। दोनों फेज को मिलाकर अब तक 1500 करोड़ रुपए खर्च हो गए हैं। मगर, 91 नालों में से सिर्फ 28 नालों की ही टेपिंग हो सकी है। अब नमामि गंगे मिशन के तहत 1174 करोड़ रुपए से यमुना नदी की स्थिति सुधरेगी।
यमुना पर रबर चेक डैम बनाने को भी मिली मंजूरी
यमुना नदी पर रबर चेक डैम बनाने के लिए विभागीय मंजूरी भी मिल गई है। यह योजना पूरी होती है, तो चेक डैम से यमुना में ताजमहल और आसपास के इलाके में पानी रहेगा, जिससे पर्यटन विकास की संभावना बढ़ जाएगी। इसके साथ ही भू-जल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी। मगर, अब परेशानी यह है कि नालों की गंदगी ऐसे ही नदी में पहुंची तो डैम सिल्ट से भर जाएगा।