- अप्रैल 2023 से लागू हो जाएगी नया नियम
- ट्रकों-बसों के लिए फ्यूल एफिशिएंसी नियम
- माइलेज देने वाले कमर्शियल वाहन आएंगे
Fuel Efficiency Norms For Commercial Vehicles: भारत सरकार ईंधन बचाने और अरबों रुपये के कच्चे तेल के आयात को घटाने के लिए तेजी से काम कर रही है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक ड्राफ्ट नोफिकेशन में इसे लेकर एक बड़ा आदेश दिया गया है. अप्रैल 2023 से सभी ट्रकों और बसों को ईंधन खपत मानक यानी फ्यूल कंजम्प्शन स्टैंडर्ड और ईंधन खपत टार्गेट पर खरा उतरना होगा. इससे ग्राहकों को कमर्शियल वाहनों की फ्यूल एफिशिएंसी की जानकारी मिलेगी और इस कदम से भारतीय सड़कों पर ज्यादा माइलेज देने वाले ट्रक और बसों की संख्या बढ़ेगी.
70 फीसदी डीजल इन्हीं में लगता है
इस नए नियम के अंतर्गत वाहन निर्माताओं को भारतीय मार्केट में ज्यादा माइलेज वाले ईंधन बनाने या आयात करने होंगे. बता दें कि वाहनों में इस्तेमाल होने वाले कुल डीजल का 70 फीसदी ट्रकों और बसों में लगता है. फिलहाल फ्यूल एफिशिएंसी नियम (Fuel Efficiency Norms) कारों और पैसेंजर वाहनों पर लागू किया गया है जो ड्राइवर के अलावा 8 लोगों की बैठक व्यवस्था के साथ आते हैं.
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कंपनी के दावों की होगी जांच
सूत्रों की मानें तो मंत्रालय सभी कंपनियों द्वारा बनाए जाने वाले हेवी ड्यूटी कमर्शियल वाहनों की एफिशिएंसी का ब्यौरा कंपनी की वेबसाइट पर देगी. ये जानकारी सालाना कार कंपनियों के लिए भी उपलब्ध कराई जाएगी. फ्यूल एफिशिएंसी का मतलब है एक तय मात्रा में ईंधन डालने पर वाहन कितने किलोमीटर तक चलता है. इस अधिसूचना में सरकार ने टेस्टिंग एजेंसियों को स्वीक्रति दे दी है जो इस बात की जांच करेंगी कि कंपनी द्वारा किए गए क्लेम पर वाहन खरा उतरता है या नहीं.