नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने कहा है कि यात्री वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में तत्काल कटौती की कोई जरूरत नहीं है। कंपनी ने कहा कि अगले कुछ माह के लिए मांग अच्छी दिख रही है, ऐसे में सरकार को अभी जीएसटी में कटौती करने की जरूरत नहीं है। यात्री वाहन बाजार में मारुति की बाजार हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है। कंपनी का कहना है कि यदि भविष्य में मांग कमजोर पड़ती है, तो सरकार जीएसटी में राहत देने पर विचार कर सकती है।
एमएसआई के चेयरमैन आर सी भार्गव ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि उद्योग ने दूसरी तिमाही में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। मुझे नहीं लगता कि मांग की कमी की वजह से किसी की बिक्री प्रभावित हुई है। मुझे लगता है कि विभिन्न अड़चनों के बाद अभी उत्पादन क्षमता पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि मैं सरकार में होता, ऐसे समय जबकि मांग की कमी नहीं है, (मेरी ओर से) किसी तरह की राहत देना अनावश्यक होगा।
भार्गव ने कहा कि यदि मांग में गिरावट आती है, और ऐसा लगता है यह अस्थायी नहीं है, तब सरकार को कदम उठाने की जरूरत होगी। सीधे-सीधे यह पूछे जाने पर कि मांग अब पर्याप्त है और उन्हें नहीं लगता कि जीएसटी में राहत देने की जरूरत है, भार्गव ने इसका जवाब ‘हां’ में दिया।
मारुति के चेयरमैन ने कहा कि यदि मैं जो उत्पादन कर रहा हूं, सब बेच पा रहा हूं, जीएसटी में कटौती के बाद यदि मांग 30 प्रतिशत बढ़ जाती है, तो मेरे पास बेचने के लिए कार नहीं होगी। उद्योग को जीएसटी में कटौती के लिए कब तक इंतजार करना चाहिए, इस सवाल पर भार्गव ने कहा कि मुझे नहीं पता कि आगामी महीनों में मांग की स्थिति क्या रहेगी। उपभोक्ता मांग और बाजार की स्थिति क्या होगी।
यहां उल्लेखनीय है कि कई वाहन कंपनियां बाजार को सुस्ती से उबारने के लिए जीएसटी में कटौती की मांग कर रही हैं। टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (यात्री वाहन कारोबार इकाई) शैलेश चंद्रा कह चुके हैं कि जीएसटी में कटौती के रूप में सरकार की ओर से किसी तरह के समर्थन से पूरे यात्री वाहन खंड को लाभ होगा।