- लैंबॉर्गिनी को मजबूत ऑर्डर बुक के जरिये बिक्री में आने वाली गिरावट की भरपाई का भरोसा
- लॉकडाउन में ढील के बाद लैंबॉर्गिनी ने अपना परिचालन शुरू कर दिया है
- कंपनी ने पिछले साल भारतीय बाजार में 2.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत के 52 सुपर लक्जरी वाहन बेचे थे
नई दिल्ली: इटली की सुपर स्पोर्ट्स कार कंपनी लैंबॉर्गिनी को भरोसा है कि वह अपनी मजबूत ऑर्डर बुक के जरिये भारत में कोरोना वायरस की वजह से इस साल बिक्री में आने वाली गिरावट की भरपाई कर पाएगी। कंपनी ने लॉकडाउन में ढील के बाद परिचालन शुरू कर दिया है। इस महीने से कंपनी ने वाहनों की आपूर्ति भी शुरू कर दी है।
लैंबॉर्गिनी इंडिया के प्रमुख शरद अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि अभी नए ऑर्डर अधिक नहीं मिल रहे हैं। लेकिन ऑर्डर रद्द भी नहीं हो रहे हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने स्वास्थ्य संकट की वजह से डिलिवरी में देरी करने को कहा है। अग्रवाल ने कहा, 'अब भी हमारे पास उसके काफी ऑर्डर हैं। इस साल की शुरुआत में हमने नई इवो आरडब्ल्यूडी भी उतारी है। इससे साल भर के लिए हमारा ऑर्डर बैंक तैयार हो चुका है। इस वजह से चालू साल में हम अच्छी बिक्री दर्ज कर सकेंगे।'
कंपनी ने पिछले साल भारतीय बाजार में 2.5 करोड़ रुपये से अधिक कीमत के 52 सुपर लक्जरी वाहन बेचे थे। हालांकि, कंपनी मानना है कि इस साल उसकी बिक्री पिछले साल की तुलना में कम रहेगी। अग्रवाल ने कहा, 'निश्चित रूप से हमारी बिक्री पिछले साल के समान नहीं रहेगी। लेकिन ऑर्डर बुक की वजह से इसमें अधिक गिरावट नहीं आएगी।' उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे पास जो भी ऑर्डर हैं, उन्हें रद्द नहीं किया जा रहा है।
अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से इटली में कंपनी का कारखाना 13 मार्च से 25 अप्रैल तक बंद रहा। इस वजह से डिलिवरी में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही कुछ मामलों में ग्राहकों ने डिलिवरी एक-माह देरी से करने को कहा है। अग्रवाल ने कहा कि इन सब चीजों के बीच एक अच्छी बात यह है कि ग्राहक हमारे पास आकर यह नहीं कह रहे हैं कि मैं कार नहीं खरीदना चाहता।
अनलॉक 1.0 के बाद आठ जून से कंपनी की डीलरशिप खुल गई है और अभी वहां 50 प्रतिशत परिचालन हो रहा है। अग्रवाल ने कहा कि बाजार हालांकि धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है, लेकिन यह अभी निश्चित नहीं है कि साल कैसा रहेगा।