यह बात सभी जानते हैं कि भारत में लंबे समय से लोगों के पास पर्याप्त बीमा नहीं रहा है। वहीं मोटर इंश्योरेंस के बारे में जागरूकता भी यहां काफी कम है। इसके अलावा, उपभोक्ताओं के बीच इसे लेकर गलतफहमी और जागरूकता की कमी, और साथ ही साथ इंश्योरेंस खरीदने के अनुभव को लेकर उनका दृष्टिकोण भी इसमें काफी महत्व रखता है।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में हुई तकनीकी प्रगति ने इंश्योरेंस कंपनियों के लिए स्वयं को आधुनिक बनाने, नए इंश्योरेंस उत्पादों और सेवाओं को पेश करने और अपने व्यवसाय मॉडल को नए रूप में पेश करने के बहुत सारे अवसर पैदा किए हैं। जब इंश्योरेंस खरीदने या रिन्युअल करने का समय आता है, तब इंश्योरेंस प्रोडक्ट को तलाशने से लेकर खरीदने तक लोगों की मदद करने के लिए विभिन्न प्रकार के संसाधन उनकी ऊंगलियों पर उपलब्ध होते हैं।
पुराने दौर के इंश्योरेंस एजेंटों के साथ व्यक्तिगत और फोन पर होने वाली बातचीत का विकल्प आज के ऑनलाइन चैनल बन चुके हैं। प्रॉपर्टी और मोटर इंश्योरेंस खरीदने का यह तरीका कंज्यूमर गुड्स खरीदने की तुलना में अधिक जटिल है। इसी वजह से, इंश्योरेंस ब्रांड्स के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता जब खरीदारी करें तब उनका नाम उनके दिमाग में सबसे पहले आए।
इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स का पता लगाने, आकलन करने, तुलना करने और खरीदने जैसे प्रत्येक चरण में ग्राहकों की सोच और उनके उद्देश्य को समझना जरूरी होगा। तभी इंश्योरेंस कंपनियां यह जान सकेंगी कि मौजूदा ग्राहक और नए ग्राहक किस तरह से इंश्योरेंस खरीदते हैं।
क्यों खरीदते हैं लोग नया मोटर इंश्योरेंस?
नया मोटर इंश्योरेंस खरीदने वाले सभी लोगों में, 10 में से 7 उपभोक्ता इंश्योरेंस इसलिए खरीदते हैं, क्योंकि यह वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य है और यह वाहन को हुए नुकसान या चोरी के प्रति वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करता है। हालांकि, मोटर इंश्योरेंस खरीदने वालों में से 1/3 लोग थर्ड पार्टी लायबिलिटी को भी ध्यान में रखते हैं। लैप्सड मोटर पॉलिसी को लेकर जागरूकता की बात करें, तो इंश्योरेंस खरीदने वाले 10 में से 6 लोग यह जानते हैं कि लैप्सड इंश्योरेंस का रिन्युअल ऑनलाइन किया जा सकता है, जबकि 10 में से 4 लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं है या वे इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि लैप्सड इंश्योरेंस का रिन्युअल ऑनलाइन भी किया जा सकता है।
लोगों में है जागरूकता की कमी
मोटर इंश्योरेंस में थर्ड-पार्टी कवर के बारे में जागरूकता भी अपेक्षाकृत कम है क्योंकि इंश्योरेंस खरीदने वाले 10 में से केवल 5 उपभोक्ताओं को ही यह पता है कि थर्ड-पार्टी कवर कानूनन अनिवार्य है, जबकि कई लोग सोचते हैं कि ओन डैमेज कवर कार इंश्योरेंस के लिए एक अनिवार्य शर्त है, जबकि ऐसा नहीं है। हैरानी की बात है, कई लोग यह भी सोचते हैं कि थर्ड पार्टी और ओन डैमेज कवर दोनों ही कानूनन अनिवार्य हैं। 10 में से 6 उपभोक्ता या इंश्योरेंस खरीदने वालों में से 3/5
लोग ही थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस कवर से प्राप्त होने वाले लाभ के बारे में जानते है। लेकिन, 1/3 उपभोक्ताओं का यह मानना है कि थर्ड पार्टी के दायित्व को कवर करने के अलावा, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस स्वयं के वाहन को हुए नुकसान और चोरी के खिलाफ भी सुरक्षा प्रदान करता है, जबकि ऐसा नहीं है।
मोटर इंश्योरेंस कवर में ऐड-ऑन के बारे में जागरूकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आपको एक व्यापक मोटर इंश्योरेंस कवर खरीदने में मदद मिलेगी। मोटर इंश्योरेंस खरीदने वालों में, 10 में से 5 लोगों का मानना था कि जीरो डेप कवर में कटौती के बिना मरम्मत, थर्ड पार्टी के नुकसान और वाहन की चोरी से जुड़े नुकसान भी शामिल होते हैं। हालांकि, 10 में से 4 उपभोक्ता जीरो डेप को एक ऐसा उपकरण मानते हैं जो वाहन की मरम्मत के मामले में वित्तीय नुकसान को कम करता है।
इंश्योरेंस कंपनियां सभी उपभोक्ताओं को उत्पादों के डिजाइन और उन्हें बेहतर मूल्य प्रदान करने में एक रणनीतिक भूमिका निभाती हैं। रिसर्च के प्रमुख निष्कर्ष इंश्योरेंस कंपनियों को ग्राहकों की खरीदारी के तरीके के अनुसार उनके प्रोफाइल को विभाजित कर व्यवसाय को लाभदायक और टिकाऊ बनाने में मदद करते हैं।
सभी विकसित बाजारों में, कार इंश्योरेंस ग्राहक को कार के विवरण के अलावा कई व्यक्तिगत विशेषताओं के आधार पर कीमतें निर्धारित की जाती हैं। भारत में, वर्तमान मूल्य निर्धारण मॉडल चैनल और लागत पर आधारित है। यह माना जाता है कि मौजूदा निष्कर्ष, बाजार को व्यक्तिगत मूल्य निर्धारण देने की दिशा में आगे ले जा सकते हैं। रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, ऑनलाइन कार इंश्योरेंस उद्योग को ग्राहकों को जानकारी प्रदान करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।
(इस लेख के लेखक पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के मोटर इंश्योरेंस के बिजनस हेड सज्जा प्रवीण चौधरी हैं।) (डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं।)