- ABS को एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम कहा जाता है
- ये एक सेफ्टी फीचर है जो बाइक को फिसलने से बचाता है
- ABS जरूरत के हिसाब से ब्रेकिंग प्रेशर को एडजस्ट करता है
भारत सरकार ने साल 2019 के अप्रैल से 125cc या इससे पावरफुल इंजन के लिए ABS का फीचर अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में अब नई बाइक्स स्टैंडर्ड तौर पर एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम यानी ABS के साथ आती हैं। ये बाइक्स में दिया जाने वाला काफी यूजफुल सेफ्टी फीचर है। ये फीचर लोगों की जिंदगी बचाने में मदद करता है। तो आइए जानते हैं इसके बारे में।
बाइक्स में क्या होता है ABS? (What is ABS)
ABS को एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम कहा जाता है। ये एक सेफ्टी फीचर है जो बाइक को फिसलने से बचाता है। ये ब्रेक लगने के बाद व्हील्स को लॉक होने से रोकता है और इस प्रकार सड़क की सतह के साथ ट्रैक्टिव कॉन्टैक्ट बनाए रखता है।
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बाइक्स में ABS का कैसे करता है?
ABS एक तरह का ब्रेकिंग सिस्टम है, जिसमें तीन पार्ट्स होते हैं। ये पार्ट्स- ECU किट, ब्रेक्स और व्हील स्पीड सेंसर होते हैं। आमतौर पर इसे रियर व्हील में इंस्टॉल किया जाता है। स्पीड सेंसर को इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि ये व्हील के संभावित लॉक-अप की निगरानी करता रहता है और सेंसर इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट से कनेक्टेड रहता है। ये व्हील को थोड़ी दूर तक रोल होने देता है और रेगुलर इंटरवेल पर लॉक करता है। यानी ABS जरूरत के हिसाब से ब्रेकिंग प्रेशर को एडजस्ट करता है। ताकी व्हील लॉक होने से बचे और स्टेबल रहे।
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बाइक्स में ABS होने का फायदा क्या है?
बाइक्स में ABS होने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि बाइकर फिसलने या गिरने से बचता है। साथ ही ABS किसी बड़े हादसे में गंभीर चोटों से बचा सकता है। साथ ही जब प्रोफेशनल बाइकर्स stoppie जैसे स्टंट करते हैं तब भी ABS का काफी रोल होता है। हालांकि, ये डर्ट बाइकर्स के लिए बेहतर नहीं माना जाता।