- मनोरंजन के साथ राजनीति में भी सफल रहा रवि किशन का करियर
- भोजपुरी फिल्मों से मिली रवि किशन को लोकप्रियता
- रामलीला में सीता बनने पर रवि किशन की होती थी खूब पिटाई
Bhojpuri Actor Ravi Kishan Struggle Story: मनोरंजन की दुनिया में अपना सिक्का जमाने के बाद रवि किशन राजनीति में भी परचम लहरा रहे हैं। आज रवि किशन सफलता के जिस मुकाम पर हैं, शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो उन्हें नहीं जानता होगा। लेकिन उनके लिए यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था। रवि किशन के आज लाखों चाहने वाले हैं लेकिन फिर भी कई लोग उनके संघर्ष के बारे में नहीं जानते हैं। क्योंकि लोग वही जानते हैं जो सामने दिखता है। रवि किशन की इस पहचान और कामयाबी के पीछे कई ऐसे किस्से हैं और अनसुने हैं। उनके स्ट्रगल के किस्से जानकर आपको इस बात पर यकीन हो जाएगा कि, असफल होने के बावजूद लगातार कोशिश करना ही सफलता का मूल मंत्र है।
परिचय के मोहताज नहीं रवि किशन
रवि किशन मनोरंजन जगत का जाना माना चेहरा है। फिल्मों के अलावा राजनीति में भी उनका करियर सफल रहा। रवि किशन भारतीय जनता पार्टी से सासंद हैं। आज उनके पास पैसा, नाम, खूबसूरत परिवार और आरामदायक जीवन है, जो हर किसी का सपना होता है। लेकिन कुछ साल पहले उनके पास यह सब कुछ नहीं था। उनकी सफल जिंदगी में एक दौर ऐसा भी आया था, जब उन्हें कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ा।
पिता से मिली हिम्मत
करियर के शुरुआती दौर में बहुत से लोग स्ट्रगल करते हैं, जोकि रवि किशन ने भी किया। जब वे सुबह से शाम तक मेहनत करने के बाद हार मान लेते थे। तब उनके पति उन्हें आगे बढ़ने के लिए हौसला दिया करते थे। पिता के कारण ही रवि किशन आज इस मुकाम तक पहुंच पाएं।
सीता बनने पर होती थी पिटाई
रवि किशन को बचपन के दिनों से ही एक्टिंग का शौक था। रामलीला में वे सीता का रोल प्ले करते थे, जोकि उनके घरवालों को पसंद नहीं था। रामलीला में सीता बनने पर उनकी खूब पिटाई भी की जाती थी। लेकिन रवि को एक्टिंग इतनी पसंद थी कि वह किसी की परवाह नहीं करते थे। इस बात खुलासा खुद रवि किशन ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। बता दें कि रवि किशन कई फिल्मों में भी महिला का किरदार निभा चुके हैं। बॉलीवुड फिल्म ‘बुलेट राजा’ में रवि किशन महिला के लुक में नजर आए थे।
जब गिरवी रखनी पड़ी थी जमीन
करियर में उतार-चढ़ाव हर इंसान के हिस्से में आता है। लेकिन रवि किशन की जिंदगी में एक ऐसा समय आता था। जब उनके पास पत्नी और नवजात बेटी को अस्पताल से डिस्चार्ज कराने तक के पैसे नहीं थे। खबरों की मानें तो, इसके लिए उन्होंने अपनी जमीन तक गिरवी रख दी थी। फिर ब्याज पर कर्ज लेकर वे अपनी बेटी और पत्नी को अस्पताल से घर लेकर आए थे। इसे रवि अपनी जिंदगी का सबसे बुरा वक्त मानते हैं।