- नगरीय निकाय चुनाव प्रथम चरण का मतदान 6 जुलाई को
- 133 निकायों सहित 11 नगर निगम के लिए मतदाता वोट डालेंगे
- भाजपा-कांग्रेस शहरी सरकार की मुखिया बनने की होड़ में ताबड़तोड़ प्रचार कर रहे
Bhopal Local Body Election 2022: प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव 2022 को लेकर प्रथम चरण का मतदान 6 जुलाई को होगा। इसे पहले चुनाव प्रचार परवान पर है। नेताओं की जुबानी जंग दिन पर दिन तीखी हो रही है। आरोप - प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा - कांग्रेस इस बार शहरी सरकार की मुखिया बनने की होड़ में ताबड़तोड़ प्रचार कर रहे हैं। जहां सूबे की सरकार के मुखिया शिवराजसिंह बतौर चुनाव कप्तान मोर्चे पर डटे हैं। वहीं पीसीसी चीफ कमलनाथ भी कांग्रेस के तारणहार की भूमिका में हैं।
आपको बता दें कि पहले चरण के मतदान में 133 निकायों सहित 11 नगर निगम के लिए मतदाता अपना वोट डालेंगे। पहले चरण के नगर निगमों की अगर बात करें तो राजधानी भोपाल सहित इंदौर, सतना, ग्वालियर, खंडवा, जबलपुर, सागर, सिंगरौली, उज्जैन, बुहरानपुर व छिंदवाड़ा आदि के उम्मीदवारों का भाग्य मतपेटी में बंद हो जाएगा।
शिवराजसिंह ने नापे 16 शहर
पहले चरण के मतदान वाले शहरों में 22 जून से सीएम ने प्रचार करना शुरू किया। जिसमें रोड शो व जन सभाओं के जरिए 16 शहरों को अब तक नाप डाला। सीएम शिवराज एक दिन में 3 शहरों में धुंआधार प्रचार कर रहे हैं। इधर, कांग्रेस को शहरी सरकार में सत्ता में लाने की कोशिश में जुटे पीसीसी चीफ कमलनाथ 24 जून से अब तक महज 9 शहरों की दूरी तय कर हांफने लगे।
दोनों दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
महापौर की जंग को लेकर दोनों दिग्गज राजनैतिक पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर व बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में मेयर की चेयर के लिए दोनों पार्टियों में कांटे की टक्कर मानी जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह इन शहरों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। यहां पर वे कई बार चुनावी सभाएं कर मतदाताओं को लुभा रहे हैं। वहीं कमलनाथ इस बार एक सप्ताह में करीब छह सभाएं कर चुके हैं। इस दौरान वे प्रेस से भी रूबरू हो रहे हैं।
एक दूसरे के खिलाफ जुबानी जंग
निकाय चुनाव में प्रचार की कमान थामे सीएम शिवराज व पीसीसी चीफ कमलनाथ एक - दूसरे पर जमकर जुबानी प्रहार कर रहे हैं। जहां प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराजसिंह चुनावी सभाओं में पूर्व की कमलनाथ सरकार को कई योजनाओं को बंद करने को लेकर कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। वहीं एक्स सीएम कमलनाथ शिवराज सरकार की मध्यप्रदेश में विफलताएं गिना रहे हैं। दोनों ही दिग्गज अपने कार्यकाल को लेकर एक - दूजे से हिसाब मांग रहे हैं। प्रचार के दौरान दोनों की पार्टियां वोटर्स को लोक लुभावन वादे भी कर रही हैं।