- 917 वर्ग किमी में फैली यह सेंचुरी 4 रेंज में विभाजित है
- पर्यटकों को टाइगर देखने के लिए अन्य अभयारण्यों जितनी ही फीस चुकानी पड़ेगी
- सेंचुरी के जरिए करीब 2 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान
Bhopal Tourist Place: राजधानी भोपाल आने वाले पर्यटकों को अब जल्द ही टाइगर को भी देखने का मौका मिलेगा। इसे लेकर वन विभाग रातापानी वन्यजीव अभयारण्य (सेंचुरी) में टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी कर रहा है। अगर सब कुछ तय योजना के मुताबिक हुआ तो राजधानी से महज 50 किमी की दूरी पर ही कैट फैमिली के सदस्यों को देखने का पर्यटक लुत्फ ले सकेंगे। इसके बाद पर्यटकों को टाइगर व अन्य वन्यजीवों के दीदार को लेकर दूर दराज के जंगल में नहीं भटकना पड़ेगा। आपको बता दें कि, रातापानी देश का ऐसा पहला अभयारण्य होगा, जो कि टाइगर रिर्जव तो नहीं है। मगर यहां पर जंगल सफारी हो सकेगी।
फॉरेस्ट महकमे के मुताबिक, रातापानी अभयारण्य के रिकॉर्ड में इस समय करीब 45 बाघ व 80 लेपर्ड की मौजूदगी दर्ज है। अभयारण्य की ओर से वन्यजीव हेड क्वार्टर पर इसके लिए प्रपोजल भेजा था, इसके लिए मुख्यालय की ओर से हरी झंडी भी दे दी गई है।
अब रातापानी उभरेगा अंतर्राष्ट्रीय नक्शे पर
जिला फॉरेस्ट ऑफिसर विजय कुमार ने बताया कि, 917 वर्ग किमी में फैली यह सेंचुरी 4 रेंज में विभाजित है। पर्यटकों को टाइगर देखने के लिए अन्य अभयारण्यों जितनी ही फीस चुकानी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि, जंगल के जीवन में खलल ना पड़े इसके लिए सफारी के दौरान सिर्फ बैटरी चलित वाहनों की अनुमति रहेगी। उन्होंंने बताया कि, अभयारण्य में झिरी से करमई तक 36 किमी का ट्रैक बना है। पर्यटक ट्रैकिंग के लिए निजी वाहनों के अलावा सेंचुरी के वाहनों का इस्तेमाल करते हैं। सेंचुरी मैनेजमेंट का कहना है कि, यहां पर जंगल सफारी शुरू होने के साथ ही यह अभयारण्य अंतर्राष्ट्रीय नक्शे पर उभरेगा। राजधानी में एयरपोर्ट होने की वजह से विदेशी सैलानियों का आवागमन बढे़गा। सेंचुरी के जरिए करीब 2 हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। टाइगर परिवार के अलावा यहां पर लोकल रेजिडेंटव माइग्रेटरी बर्डस की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। वहीं कई अन्य प्रजातियों के वन्यजीवों सहित रेपटाइल्स भी बहुतायत देखे जा सकते हैं।