- अजब गांव सागौनी खुर्द की गजब कहानी
- इस गांव के रहते हैं मंदिर के पुजारी, बाकी पूरा गांव है वीरान
- एक मतदाता होने के चलते सरकार ने उनके लिए क्वार्टर बनवाया है
Bhopal Panchayat Election: राजधानी भोपाल से महज चंद मील के फासले पर एक गांव ऐसा भी है, जहां सिर्फ एक मत है। जी हां, जानिए इस अजब गांव सागौनी खुर्द की गजब कहानी। बैरासिया कस्बे के निकट साग्राम पंचायत के तहत इस गांव के मंदिर में पुजारी महावीर दास रहते हैं। इस गांव में वे अकेले रहते हैं और एकमात्र वोटर हैं। एक मतदाता होने के चलते सरकार की ओर से उनके लिए सरकारी क्वार्टर का निर्माण भी करवाया गया है। ग्रामीण देवेंद्र सिंह बताते है कि दो शतक पहले उनके पूर्वज राजस्थान से इस इलाके में आकर बसे थे। उस जमाने में हुए आपसी झगड़े में सभी मारे गए।
महज एक महिला बची, जो कि गर्भवती थी। महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया। जिसके जवान होने के बाद उसका विवाह किया गया। बाद में उसने अपने नाना के सहयोग से गांव सागौनी खुर्द की नींव रखी। इसके बाद उसके दो बेटे हुए। मगर परिवार को दिक्कतें आने लगी तो दोनों गांव से पलायन कर अन्यत्र चले गए। ग्रामीण देवेंद्र सिंह बताते हैं कि कभी गांव में करीब 50 से 60 परिवार बसते थे। लेकिन आज यहां वह अकेले ही रहते हैं।
दो गांवों को मिलकर बनती है पंचायत
ग्रामीण बताते हैं कि गांव सागौनी खुर्द में मकानों के जीर्ण-शीर्ण अवशेष आज भी मौजूद हैं। वे बताते हैं कि यहां ठाकुरजी व पटेल बाबा के मंदिर थे। लेकिन धीरे—धीरे सब कुछ जमीदोंज हो गया। अब ग्रामीणों ने यहां हनुमान जी सहित शिव पंचायत व अन्य देवताओं के मंदिरों का निर्माण करवाया है। जिनकी पुजारी महावीर दास पूजा करते हैं। इन्हीं का एकमात्र वोट इस गांव से है। पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत का चुनाव दो गांवों के दम पर होता है। जिसमें सागौनी कला व गरेठिया दांगी है। जाटव, मेहर, अहिरवार, जांगिड़ समाज सहित कई जातियों के लोग मतदाता हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जिसके पक्ष में ग्रामीण एकजुट होते हैं वो ग्राम प्रधान बन जाता है। इस बार पांच लोगोंं में एक महिला उम्मीदवार भी गांव की सरकार की प्रमुख बनने की दौड़ में है।