- इंदौर, नरसिंहपुर व ग्वालियर में भाजपा को गांव की सरकार की मिल सकती है कमान
- राजधानी में कांग्रेस रख सकती है अपना वजूद कायम
- दोनों दिग्गज पार्टियां जीते हुए उम्मीदवारों को घेरने की कवायद में
Bhopal : मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव 2022 के तहत पहले चरण के मतदान के बाद गांव की सरकार की कुर्सी को लेकर राजनीतिक हलकों में जोड़ तोड़ की कवायद आरंभ हो गई है। राजधानी भोपाल सहित ग्वालियर, इंदौर व नरसिंहपुर में पहले चरण के मतदान के बाद जिप अध्यक्षों के लिए नेता जोर आजमाइश कर रहे हैं। वहीं जिला परिषद मेंबर्स की पिक्चर क्लीयर मानी जा रही है। कौन बनेगा जिला परिषद प्रधान इनके द्वारा तय किया जाएगा। यहां आपको बता दें कि राजनीतिक हलकों से आ रहे संकेत के चलते राजधानी में जहां कांग्रेस का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। वहीं ग्वालियर, नरसिंहपुर व इंदौर में भाजपा का कमबैक माना जा रहा है।
मतदान के बाद 4 जिला पंचायतों के अलावा 115 जनपदों में भी प्रधान की चेयर को लेकर नेता मान मनोव्वल में जुटे हैं। रूठने-मनाने के दौर चल रहे हैं। इधर, सूबे में 115 जनपदों में 8 हजार 702 ग्राम पंचायतों में पहले दौर के मतदान के बाद गिनती होने के बाद आए रुझानों से स्थिति करीब-करीब साफ हो चुकी है कि किसको मिलेगी गांव की सरकार की जिम्मेदारी। दोनों दिग्गज पार्टियां जीते हुए उम्मीदवारों को घेरने की कवायद कर रही हैं, ताकि पार्टी के लोग कुर्सियों पर काबिज हो सकें।
रुझान कर रहे ये इशारा
पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान होने के साथ ही सामने आए नतीजों से मिला इशारा बता रहा है कि प्रदेश के चारों जिलों में गत चुनावों के समीकरण एक बार फिर से दोहराए जा सकते हैं। जिसमें तीन जिलों इंदौर, नरसिंहपुर व ग्वालियर में भाजपा को गांव की सरकार की कमान मिल सकती है तो राजधानी में कांग्रेस अपना वजूद कायम रख सकती है। अब ऊंट किस करवट बैठेगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
पहले दौर के मतदान में यहां हुई वोटिंग
पंचायत चुनाव 2022 के तहत पहले चरण के चुनाव में फंदा, बैरसिया, इंदौर, सांवेर, देपालपुर, मुरार, अंबेडकर नगर, भितरवार, डबरा, नरसिंहपुर, घाटीगांव, गोटेगांव, करेली,सांईखेड़ा, बाब चीचली व चावरपाठा आदि जनपदों में वोटिंग हुई है। इसी के आधार पर आगे की रूपरेखा तय मानी जा रही है।