- पाकिस्तान से आने वाली हवाओं के कारण मध्यप्रदेश में बदलेगा मौसम का मिजाज
- मार्च के महीने में भी कम नहीं होगी ठंड, चलेंगी ठंडी हवाएं
- मौसम विभाग के अनुसार 2 मार्च को कई जिलों में बारिश और तेज हवाएं चलेंगी
Bhopal Weather Update: हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान सीमा पर भारत के लिए सिरदर्द बना हुआ है लेकिन अब पाकिस्तान से आने वाली हवाएं भी मध्य प्रदेश में लोगों की परेशानी बढ़ा सकती हैं। मौसम विभाग का कहना है कि पाकिस्तान से आने वाली हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में एक बार फिर से ठंड बढ़ सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश के इंदौर भोपाल समेत कई जिलों में अगले 24 घंटों में बारिश होने की संभावना है। जिस कारण एक बार फिर से मध्य प्रदेश में सर्दी बढ़ सकती है।
हालांकि मार्च के महीने में सर्दी धीरे धीरे कम होती जाती है लेकिन इस बार मार्च महीने के आखिर तक मध्य प्रदेश में ठंड रहने की बात कही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पाकिस्तान की ओर से आने वाली हवाओं के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है।
परिवर्तन के कारण नया सिस्टम बना
मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया है कि मौसम में थोड़ा परिवर्तन हुआ है। और इस परिवर्तन के कारण नया सिस्टम बन रहा है। जिस वजह से पाकिस्तान की ओर से आने वाली हवाओं का प्रभाव मध्य प्रदेश के कई जिलों में देखने को मिलेगा। और इन हवाओं के कारण मध्य प्रदेश में तेज हवाओं और बारिश होने के आसार है। जिस कारण इस बार मध्य प्रदेश में मार्च के महीने में ठंड से लोगों को राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह का कहना है कि अक्सर मार्च के महीने में मध्यप्रदेश में सर्दी का प्रकोप धीरे-धीरे खत्म हो जाता है लेकिन इस बार नए सिस्टम के अनुसार सर्दी मार्च के आखिर महीना तक देखने को मिलेगी।
मार्च में बहुत नहीं बदलेगा तापमान
अगर मार्च महीने में तापमान की बात की जाए तो मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि मार्च के पहले 10 दिनों में इस बार अधिकतम तापमान 35 डिग्री से ऊपर नहीं जाएगा। और इसी तरह पूरे मार्च के महीने में तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं होगा और रात में भी तापमान 25 डिग्री से कम ही रहेगा। इस बार मार्च के महीने में भी मध्य प्रदेश वासियों को सर्दी का एहसास रहेगा और दो से 3 दिन के अंदर ही मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार बगल की खाड़ी में लो प्रेशर एरिया बन रहा है जिस वजह से पश्चिमी, उत्तर-पश्चिमी और दक्षिणी-पूर्वी हवाएं विपरीत चलने के कारण जबलपुर संभाग में आकर यह हवाएं मिल रही हैं।