- चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता कमलनाथ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है
- मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम का स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया गया है
- उनके खिलाफ यह कार्रवाई आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर की गई है
भोपाल : मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव लड़ रही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। निर्वाचन आयोग ने पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा वापस ले लिया है। कांग्रेस नेता के खिलाफ यह कार्रवाई बार-बार चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले को लेकर की गई है। राज्य में उपचुनाव को देखते हुए इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। इस बीच कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए अपनी भावना का उद्गार किया है।
कमलनाथ ने ट्वीट के जरिए कहा कि अब जनता फ़ैसला करेगी। मेरी आवाज़ को रोकने का, दबाने का प्रयास है। कांग्रेस की आवाज़ को कुचलने का प्रयास है। सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं। जनता सच्चाई का साथ देगी।
निर्वाचन आयोग ने साफ कहा कि अब आगे अगर कमलनाथ चुनाव प्रचार करते हैं तो उसका पूरा खर्च उस विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी द्वारा वहन करना होगा, जहां वह चुनाव प्रचार करेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो निर्वाचन आयोग के इस आदेश के बाद भी कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में प्रचार कर सकते हैं, लेकिन पूरा खर्च उस पार्टी प्रत्याशी को देना होगा, जिसके क्षेत्र में वह प्रचार करेंगे।
कांग्रेस नेता को कई बार मिली चेतावनी
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि कमलनाथ के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की लगातार शिकायतें आ रही थीं, जिसे देखते हुए यह एक्शन लिया गया है। कमलनाथ की एक सभा में बीजेपी नेता इमरती देवी के लिए 'आइटम' बोला गया था, जबकि एक अन्य सभा में उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नौटंकी कलाकार भी कहा था।
चुनाव आयोग ने बार-बार दी गई चेतावनी की अनदेखी करने पर कमलनाथ के खिलाफ यह एक्शन लिया है। आयोग ने 'आइटम' वाले बयान पर जब कांग्रेस नेता से जवाब मांगा था तो अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया। इस पर चुनाव आयोग ने कमलनाथ को नसीहत देते हुए कहा था कि चुनाव आचार संहिता लागू होने पर सार्वजनिक रूप से ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।