- मध्य प्रदेश में अब सात मई तक कोरोना कर्फ्यू
- मध्य प्रदेश के कई शहरों में कोरोना विस्फोट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कोरोना नियंत्रण के संदर्भ में मंत्रियों और अधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग की और कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने से ही कोरोना पर विजय पाई जा सकती है। प्रदेश एक्टिव केसेस में देश में सातवें नंबर से बेहतर स्थिति में होकर 11 वें नंबर पर आ गया है। परंतु कोरोना का स्वरूप कब क्या रूप ले ले इसलिए हमें संभलकर चलना होगा।
सात मई तक कोरोना कर्फ्यू
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की दर लगातार घट रही है। मंगलवार को यह दर 22.76 प्रतिशत थी। जो आज घटकर कर 21.71 प्रतिशत हो गई है। इसके साथ ही रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हुई है। प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। गत 23 अप्रैल को रिकवरी दर 80.41 प्रतिशत थी जो बढ़कर 81.75 प्रतिशत हो गयी है। इसके साथ रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो कल तक कुल 11 हजार 577 थी। आज 14 हजार 156 हो गई है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि प्रदेश के एक्टिव प्रकरण में आज पहली बार कमी देखने को मिली है। कल तक 94 हजार 276 एक्टिव प्रकरण थे, जो आज घटकर 92 हजार 773 हो गए हैं। प्रदेश के छिंदवाड़ा, शाजापुर, पन्ना, आगर-मालवा, उमरिया, कटनी, अनूपपुर, गुना, देवास एवं बड़वानी ऐसे 10 जिले हैं जहां प्रतिदिन नए पॉजिटिव केसों में कमी आई है।
कुछ जिलों में नए केस बढ़े
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में नए पॉजिटिव केस निरंतर बढ़ रहे हैं। प्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में इन केसों में निरंतर वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी जिलों में ऑक्सीजन और इंजेक्शन का आवश्यकतानुसार वितरण किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने प्रभारी अधिकारियों से कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ने में सबसे ज्यादा कारगर उपाय कोरोना कर्फ्यू है। जनता को प्रेरित कर इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें। जनता कर्फ्यू कोई लॉकडाउन नहीं है, जनता द्वारा स्वयं संक्रमण से सुरक्षा के लिए लिया गया निर्णय है। इस बात की खुशी है प्रदेश के लगभग 90 प्रतिशत ग्राम पंचायतें, अपने गांवों में कोरोना कर्फ्यू लगाने का स्वयं संकल्प ले चुकी हैं।
रेमडेसीविर की अनावश्यक मांग पर रोक लगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि रेमडेसीविर इंजेक्शन के उपयोग के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करायें। अनावश्यक रूप से इंजेक्शन की मांग पर अंकुश लगायें। इंजेक्शन उसे मिले जिसे जरूरत हो और उतना जितनी आवश्यकता हो। सप्लाई एवं वितरण की अनावश्यक प्रतिस्पर्धा की प्रवृति जिले नहीं रखें। जितनी आवश्यकता हो उतनी ही मांग रखें।