- मृतक व्यापारी की सात साल की बेटी ने कहा, पापा कीटनाशक लेकर आए थे
- सुसाइड नोट नहीं मिलने से आत्महत्या की वजह का नहीं चल सका पता
- कोरोना काल में बिजनेस को हुआ नुकसान हो सकता है खुदकुशी का कारण
Bhopal Crime: भोपाल के निशातपुरा में किराए के मकान से दो शव मिलने से सनसनी फैल गई। माना जा रहा है कि दंपती ने सुसाइड किया है। हालांकि मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिलने से इसके कारण स्पष्ट नहीं हो सके हैं। दंपती के दो मासूम बच्चे भी हैं। दंपती के परिवार वालों को आशंका है कि कोरोना काल के समय हुए बिजनेस में नुकसान से दोनों तनाव में रहते थे। पुलिस को मौके से कीटनाशक का पैकेट मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के लिए बता दें व्यापारी की सात साल की बेटी ने बताया कि पापा दो पैकेट लेकर घर आए थे। पहले मम्मी ने खाया। फिर मैंने खाया। भाई ने उल्टी कर निकाल दी। पापा ने कोल्ड्रिंक में मिलाकर पी। मम्मी-पापा की तबियत बिगड़ने पर बच्ची आस—पास के लोगों को बुलाकर लाई और दंपती को अस्पताल पहुंचाया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
2013 में हुई थी दोनों की शादी
मिली जानकारी के अनुसार मुगालिया छाप, खजूरी में रहने वाले हेमंत पाटीदार (31) परवलिया में हार्डवेयर की दुकान चलाते थे। वह निशातपुरा के MIG-408 में प्रधान आरक्षक देवेन्द्र चौबे के मकान में पिछले आठ माह से किराए पर पत्नी बबीता (28), बेटी राबिया (7) और बेटे बबलू (2) के साथ रह रहे थे। शनिवार रात करीब 11 बजे पति-पत्नी ने कीटनाशक पीकर जान दे दी। इस दौरान उनके दोनों बच्चे घर में ही थे। हेमंत के पिता राधेश्याम पाटीदार सहकारिता विभाग में पदस्थ हैं। हेमंत के परिवार व रिश्तेदार आपस में चर्चा करते रहे कि कोरोना काल में व्यवसाय में उसे घाटा लगा था। हो सकता है कि व्यवसाय में हुए नुकसान की वजह से उसने यह आत्मघाती कदम उठाया होगा। लेकिन पुलिस घटना के बारे में और भी जानकारी ले रही है। हेमंत और बबीता के शव का पोस्टमार्टम हुआ है। दोनों की शादी वर्ष 2013 में हुई थी।
व्यापारी की बेटी ने सुनाई खुदकुशी की दास्तां
बेटी राबिया ने बताया, पहले मम्मी ने दो चम्मच दवा खाई। फिर मैंने खाई थी, फिर बबलू ने उल्टी कर दी थी। पापा ने कोल्ड-ड्रिंक में मिला के पी ली थी, ऐसा बोला था कि मैं भी पी लेता हूं, फिर पापा बीमार हो गए। इसके बाद चाचा आ गए। मैंने ऊपर वाले अंकल को बताया। आंटी नर्स थीं, तो वो आ गई थीं। छोटी सी डिब्बी थी, ग्रीन कलर की, भगवान वाले मंदिर में रखी थी। बेटी ने बताया पापा 2 डिब्बी लेकर आए थे, ग्रीन कलर की। उसमें गोली थी, उसे चूरकर (पीसकर) मैंने आधी चम्मच खाई। मम्मी ने 2 चम्मच खाई। पापा ने पता नहीं कितनी गोलियां घोली थीं। दर्दनाक हादसे को सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं।