- मध्यप्रदेश के शहरों में फंसे थे पश्चिम बंगाल के 1600 प्रवासी कामगार
- इंदौर में कोरोना के कहर के कारण तीन महीने से बंद है कामकाज
- मुख्य रूप से आभूषण उद्योग में काम करते हैं ये पश्चिम बंगाल के कामगर
इंदौर/भोपाल: पश्चिम बंगाल के करीब 1,600 प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिये श्रमिक स्पेशल ट्रेन इंदौर से वर्धमान के लिये मंगलवार को रवाना हुई। मध्यप्रदेश के आभूषण उद्योग और अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले ये कामगार कोविड-19 के प्रकोप के कारण रोजी-रोटी के संकट का सामना कर रहे हैं।
पश्चिम रेलवे के रतलाम रेल मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी कामगारों के लिये चलायी गयी श्रमिक स्पेशल ट्रेन में इंदौर से लगभग 1,250 यात्री सवार हुए। अधिकारी ने बताया कि विशेष ट्रेन भोपाल से पश्चिम बंगाल के करीब 350 प्रवासी कामगारों को लेते हुए आसनसोल और दुर्गापुर के रास्ते बुधवार को वर्धमान पहुंचेगी।उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के प्रवासी कामगारों को विशेष ट्रेन से घर भेजने के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के अलग-अलग स्थानों पर इंतजाम किये थे।
कारोबारी सूत्रों ने बताया कि इंदौर में आभूषण बनाने वाले कारीगरों में पश्चिम बंगाल के प्रवासियों की बड़ी तादाद है। ये कामगार घर वापसी के लिये लम्बे समय से विशेष ट्रेन की मांग कर रहे थे क्योंकि कोविड-19 के प्रकोप के कारण उनका काम-धंधा ठप पड़ गया है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर में अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े हजारों बंगाली कामगारों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित किये जाने का मुद्दा पश्चिम बंगाल की अपनी समकक्ष ममता बनर्जी के सामने पहले ही उठा चुके हैं। चौहान ने बनर्जी को 17 मई को बाकायदा पत्र लिखकर कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार को चाहिये कि वह इन प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के लिये रेल मंत्रालय से विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध करे।