- विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज
- कांग्रेस और बीजेपी के बीच नारियल और शैंपेन की बोतल बना मुद्दा
- मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए अहम
भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव होने हैं। इन चुनावों के नतीजे पर न सत्ता और विपक्ष दोनों की नजर गड़ी हुई है। दरअसल शिवराज सिंह को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 12 विधायकों का जीत कर आना जरूरी है। ये वो विधायक हैं जो सिंधिया समर्थक माने जाते हैं और जब ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस से नाता टूटा तो सभी विधायक उनके साथ बीजेपी का हिस्सा बन गए। अब उनकी किस्मत दांव पर है और शिवराज सिंह चौहान खुद उनके लिए अभियान में शामिल हैं।
शैंपेन की बोतल लेकर तो नहीं चलता
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि सरकार बचाए रखने के लिए शिवराज सिंह चौहान अब नारियल लेकर घूम रहे हैं। यह बात अलग है कि उन्होंने इस तरह के आरोपों का कड़ा प्रतिवाद किया। वो कहते हैं कि आज प्रदेश में विकास कार्यों की वजह से कांग्रेस परेशान हो गई है और अनर्गल बात कर रही है अब जब उनके पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है तो नारियल को मुद्दा बना रहे हैं। लेकिन वो साफ कर देना चाहते हैं कि नारियल तो शुद्धता और सेवा का प्रतीक है, कम से कम वो अपने साथ नारियल लेकर चलते हैं शैंपेन की बोतल तो नहीं ढोते हैं।
मंदसौर की जनता को झुक कर किया नमन
मंदसौर और नीमच के इलाके में चुनावी प्रचार के दौरान शिवराज सिंह ने कहा कि वो जानते हैं कि इस इलाके में उनके खिलाफ कितने दुष्प्रचार हुए। लेकिन जनता ने साबित कर दिया था कि वो कांग्रेस के भ्रमजाल में फंसने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वो मानते हैं कि मध्य प्रदेश की जनता उनसे किसी न किसी रूप में जुड़ी हुई है, उनके लिए राजनीति किसी तरह का पेशा नहीं है, बल्कि सेवा भाव से वो अपने कर्तव्यों को पूरा करना जानते हैं।