- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से यूरोपीय देश जाएगा देसी गेहूं
- किसानों को आर्थिक रूप से मिलेगा अच्छा लाभ
- प्रचार-प्रसार को ब्रांड इंडिया इक्विटी फाउंडेशन कर रहा मदद
Wheat Export: मध्य प्रदेश में किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए बड़ी तैयारी की जा रही है। राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश में उपजे हुए गेहूं का निर्यात किए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। तेज होती तैयारी के बीच केंद्रीय खाद्य मंत्री ने गेहूं निर्यात के लिए समीक्षा भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं को यूरोपीय देशों में निर्यात किया जाएगा। इसके साथ ही यहां के किसान आर्थिक रूप से सशक्त बनेंगे और किसानों को आर्थिक फायदा मिलेगा।
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव सुधांशु पांडेय ने इस संबंध में कहा कि यूरोप में गेहूं और आटे की कमी के कारण संभावना है कि व्यापारी अपने सभी संभावित साधनों के माध्यम से अच्छी गुणवत्ता के गेहूं को खरीद सकते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश अपने गेहूं का वैश्विक बाजार में प्रचार-प्रसार करे।
मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा
दरअसल केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय उज्जैन दौरे के दोरान अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मध्यप्रदेश राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि), प्रमुख सचिव (खाद्य), प्रमुख सचिव (सहकारिता), प्रमुख सचिव (उद्योग) और अन्य अधिकारियों के साथ फसल के विविधिकरण, मध्यप्रदेश के गेहूं की ब्रांडिंग एवं निर्यात, राज्य द्वारा उपार्जन की तैयारियाँ, फोर्टिफाइड चावल का वितरण, मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा, एथनॉल उत्पादन की नीति और फोर्टिफाइड राइस केर्नेल्स के उत्पादन के लिए यूनिटों की स्थापना आदि पर विचार किया गया। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए।
ब्रांड इंडिया इक्विटी फाउंडेशन की भी ले सकता है मदद
सुधांशु पांडेय कहा कि, मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के प्रचार-प्रसार के लिए ब्रांड इंडिया इक्विटी फाउंडेशन की भी मदद ले सकता है। केंद्रीय खाद्य सचिव ने बताया कि जिन निर्यातकों के पास निर्यात आर्डर हैं, उनको प्राथमिकता के आधार पर रेलवे द्वारा रेक दी जाएगी। बता दें कि, अगर भोपाल से गेहूं दूसरे देशों में जाएगा तो यह किसानों के लिए जरूर राहत पहुंचाने वाली बात होगी। इसके लिए अच्छा दाम भी उन्हें मिलेगा। साथ ही देसी गेहूं की पहचान अंतराष्ट्रीय स्तर पर होगी।