लाइव टीवी

Bhopal News: अब चीतों की दहाड़ से गूंजेंगे चंबल के जंगल, इस योजना के तहत चीते होंगे आयात, पढ़ें खबर

Updated Aug 10, 2022 | 13:24 IST

Bhopal News: अफ्रीका से चीते यहां 15 अगस्त के बाद या फिर सितंबर में लाए जाएंगे। इसको लेकर वन विभाग की ओर से सभी तरह की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। फोरेस्ट महकमे के सूत्रों के मुताबिक फस्ट फेज में 8 चीते यहां लाए जाएंगे। जिनमें 4 मेल और 4 फीमेल होंगे। 

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspFacebook
अफ्रीका के चीतों से आबाद होंगे एमपी के जंगल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • अफ्रीका से चीते यहां 15 अगस्त के बाद या फिर सितंबर में लाए जाएंगे
  • फस्ट फेज में 8 चीते यहां लाए जाएंगे, जिनमें 4 मेल और 4 फीमेल होंगे
  •  750 स्कवायर वर्ग किमी में फैला है कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान

Bhopal News: वन्यजीव प्रेमियों के लिए ये खबर सुखद है, देश में आज से करीब 7 दशक पूर्व पूरी तरह खत्म हो चुके बिल्ली परिवार के सदस्य चीतों की दहाड़ एक बार फिर से सुनाई देगी। शिकारी जानवरों में धावक की हैसियत रखने वाला चीता अब मध्यप्रदेश के जंगलों में बेखौफ दौड़ेगा। भारत सरकार की पहल पर अफ्रीकी देश नामीबिया मध्यप्रदेश के जंगलों में छोड़ने के लिए कुल 8 चीते देगा। जिन्हें राज्य के श्योपुर इलाके में स्थित कूनो राष्ट्रीय जीव उद्यान में बसाया जाएगा।

इसे लेकर सूबे की शिवपाल सरकार में मंत्री भारत सिंह कुशवाहा कहते हैं कि, अफ्रीका से चीते यहां 15 अगस्त के बाद या फिर सितंबर में लाए जाएंगे। इसको लेकर वन विभाग की ओर से सभी तरह की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। मंत्री कुशवाहा के मुताबिक चीतों को मध्यप्रदेश लाने के बाद उन्हें सॉफ्ट रिलीज एंक्लोजर में रखा जाएगा। इसके पीछे की वजह उन्हें शांत एकांत वातावरण मिलने सहित यहां के इको सिस्टम में ढलने की आदत पड़ना है। फोरेस्ट महकमे के सूत्रों के मुताबिक फस्ट फेज में 8 चीते यहां लाए जाएंगे। जिनमें 4 मेल और 4 फीमेल होंगे। 

 उद्यान को नए मेहमानों का इंतजार 

अफ्रीका और नामीबिया से चीते लाने की परियोजना अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। गत दिनों अफ्रीका व भारत की टीम में शामिल विशेषज्ञ भी अभयारण्य का दौरा कर यहां के वातावरण का जायजा ले चुके हैं। अब कूनों नेशनल पार्क को नए मेहमानों के आने का इंतजार है। गौरतलब है कि, 750 स्कवायर वर्ग किमी में फैला कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के श्योपुर के 6 हजार 8 सौ वर्ग किमी के खुले जंगल के दायरे का एक हिस्सा है। आपको बता दें कि, देश की आजादी के समय चीते को अंतिम बार देखा गया था। इसके बाद 1952 में तत्कालीन भारत सरकार ने चीते को विलुप्त प्राणी घोषित कर दिया था। वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि चीतों को यहां लाने के लिए भारत व नामीबिया की सरकार के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब वहां के राष्ट्रपति की मंजूरी मिलनी शेष रही है। नामीबिया सरकार कई देशों को बिल्ली परिवार के सदस्यों को डॉनेट कर रही है। 

केट फैमिली का यह सदस्य डरपोक होता है

वन्यजीवन से जुड़े विशेषज्ञ बताते हैं कि, बिल्ली परिवार को यह सदस्य डरपोक किस्म का प्राणी होता है। इससे आम लोगों को कोई खतरा नहीं होता है। राजा-महाराजाओं के जमाने में यह महलों की शोभा होता था। राजा इसे अन्य जानवरों के शिकार के लिए भी इस्तेमाल करते थे। विशेषज्ञ बताते हैं कि, चीतों के कूनों नेशनल पार्क में आने के बाद जहां एक ओर यहां के इको सिस्टम में बदलाव आएगा। वहीं दूसरी ओर पर्यटन व रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जंगल जीवन की कड़ी में यह जीव अपना अहम किरदार निभाएगा। आपको बता दें कि, वर्ष 2010 में केंद्र की मनमोहन सरकार के तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने इस प्रॉजेक्ट की शुरूआत की थी। इसके बाद वर्ष 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय शेर संरक्षण प्राधिकण को इसकी मंजूरी दी थी। इसके बाद इस परियोजना ने फिर गति पकड़ी है। जो कि, आने वाले दिनों में सुखद साबित होगी। धरती के सबसे तेज धावक से मध्यप्रदेश के जंगलों की फिजाएं नए कीर्तिमान रचेगी। 

Bhopal News in Hindi (भोपाल समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) से अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।