- अशुद्ध पेयजल की सप्लाई से परेशान थे भोपालवासी
- मामला संज्ञान में आते ही कलेक्टर ने लिया एक्शन
- प्रभारी इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश
Bhopal Water Shortage Problem: मध्य प्रदेश के भोपाल के नागदा शहर में कई महीनों से पीने का अशुद्ध पानी आ रहा था जिसे जनता बहुत परेशान थी, जनता ने इस परेशानी का सबब ढूंढते हुए कलेक्टर के यहां ज्ञापन भी दिया। इसके बावजूद यह समस्या नहीं सुलझी। तो परेशान जनता ने स्थानीय विधायक गुर्जर से इसके बारे में बातचीत की।
जिसके बाद स्थानीय विधायक ने जिला कलेक्टर से मामले की जांच की मांग करते हुए दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कहा। कलेक्टर ने जांच का आश्वासन दिया। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और प्लांट का निरीक्षण कर कलेक्टर ने प्रभारी इंजीनियर के खिलाफ एक्शन के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वासन
गौरतलब है कि, इस अशुद्ध जल को शुद्ध करने के लिए नगर पालिका ने पहले ही कई लाखों रुपए का खर्च कर दिया है। इसके बावजूद भी जनता को अशुद्ध जल प्राप्त हो रहा है, परेशान जनता पेयजल के अधिकारियों से भी मुलाकात करने के बाद भी इस समस्या से छुटकारा ना पा सके। कलेक्टर ने जांच का आश्वासन दिया। चर्चा के बाद प्रशासन हरकत में आया। प्लांट का निरीक्षण कर प्रभारी इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बनाया गया था आधुनिक फिल्टर प्लांट
बता दें कि, शहर को शुद्ध पेयजल सप्लाई करने के लिए लगभग 22 करोड़ से अधिक जल योजना के तहत आधुनिक फिल्टर प्लांट बनाया गया था। इसके बाद लगभग 10 करोड़ रूपये और शहर में समवेल व टंकियों पर खर्च किए गए। नपा अधिकारियों की लापरवाही के चलते आधुनिक प्लांट के इंस्ट्रूमेंट नहीं बदलने के कारण शहर को भीषण गर्मी में अशुद्ध पेयजल पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। लगभग एक माह से मामले ने तूल पकड़ रखा है, इसके बावजूद नपा अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।
किया जा रहा है अशुद्ध पेयजल सप्लाई
सत्तापक्ष के नेता भी मामले में चुप्पी साधे बैठे हैं। विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर से चर्चा कर बताया कि, जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ो रूपये शुद्ध पेयजल के लिए नपा द्वारा खर्च किए गए। नपा अधिकारियों द्वारा फिल्टर प्लांट की सही देखरेख नहीं करने व समय पर इंस्ट्रूमेंट नहीं बदलने के कारण मटमेला व अशुद्ध पेयजल शहर में सप्लाई किया जा रहा है।
लिया जाएगा सख्त एक्शन
भीषण गर्मी के चलते इससे लोगों को कई बीमारियों का शिकार होना पड़ रहा है। कई बार नपा अधिकारियों से चर्चा कर पेयजल में सुधार करने की बात कही गई, इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शहर में लगभग 17 हजार से अधिक कनेक्शन है। प्रतिमाह 15 लाख 64 हजार रूपये पेयजल के नपा द्वारा वसूले जाने के बाद भी शहर की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। विधायक ने कलेक्टर से मामले की जांच कराकर नपा के दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा की प्रशासन अगर कोई कार्रवाई नहीं करता है तो मामले को विधानसभा में उठाकर कार्रवाई करवाई जाएगी।
7 दिन में व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए
वहीं कलेक्टर से विधायक की चर्चा होने के बाद नपा प्रशासन हरकत में आया। प्रशासक आशुतोष गोस्वामी ने नपा टीम के साथ फिल्टर प्लांट का निरीक्षण किया। इसमें नपा के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई। हर तीन माह में फिल्टर प्लांट की गाद साफ करना होती है। पिछले 7 माह से गाद साफ नहीं करने का मामला सामने आया। इसके कारण मटमेला पानी सप्लाई किया जा रहा था। नपा अधिकारियों को प्रशासक गोस्वामी ने लताड़ लगाते हुए प्लांट के इंचार्ज इंजीनियर जितेंद्र पटेल को मामले में दोषी ठहराते हुए अंतिम नोटिस देने के साथ 7 दिन में व्यवस्था सुधारने व जल्द ही फिल्टर प्लांट के खराब इंस्ट्रूमेंट के निर्देश दिए हैं।
दिया जाएगा अंतिम नोटिस
आशुतोष गोस्वामी, प्रशासक, नपा ने इस संबंध में बताया कि, फिल्टर प्लांट का निरीक्षण किया गया। इसमें 7 माह से गाद सफाई नहीं करने का मामला सामने आया है। प्लांट प्रभारी इंजीनियर जितेंद्र पटेल को अंतिम नोटिस दिया जाएगा। समय पर गाद सफाई करने व खराब इंस्ट्रूमेंट बदलने के भी निर्देश दिए गए हैं। 7 दिन में व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिये गए हैं।