- मार्च- अप्रैल के महीने में 1 लाख 27 हजार लोगों की मौत में 80 फीसद की मौत कोविड से
- मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
- मौजूदा सरकार कोविड मैनेजमेंट की जगह इमेज को चमकाने में जुटी
कोरोना की दूसरी लहर में जब तेजी से मामले बढ़ने लगे तो विपक्षी दलों को हमलावर होने का मौका मिल गया। कांग्रेस पार्टी राज्यों के साथ साथ केंद्र सरकार की तैयारियों पर निशाना साध रही थी। इसके साथ ही जब श्मशान घाटों से तस्वीरें सामने आने लगी तो सियासी हमला और तेज हो गया। इस समय मध्य प्रदेश में शवों के मुद्दे पर सियासत हो रही है।
कोविड काल में छवि बनाने में जुटे शिवराज
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार तो लाशों पर राजनीति कर रही है। वो कहते हैं कि उन्होंने खुद राज्य के 26 जिलों के आंकड़ों को पेपर और शेष जिलों की जानकारी हासिल की है। मार्च और अप्रैल के महीने में 1.27 लाख लोगों के मृत शरीर श्मशान घाटों तक पहुंचे और उनमें से 80 फीसद की मौत कोविड से हुई थी।
शवों के मुद्दे पर झूठ बोल रही है एमपी सरकार
कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार कोविड की जगह आलोचनाओं से लड़ रही है। कुछ पत्रकारों को हवालात के दर्शन करा दिए गए। सरकार इस समय अपनी इमेज सुधारने में लगी है, कोविड से निपटने के लिए किसी तरह का इंतजाम नहीं है। शुक्रवार को मैंने जब सरकार से श्मशान घाटों तक आने वाली लाशों के बारे में पूछा तो सरकार की तरफ से झूठ बोला गया।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का कहना है कि अगर कमलनाथ यह कह रहे हैं कि मार्च और अप्रैल के महीने में एक लाख 27 हजार केस आए थे तो उनकी बातों में दम है। लेकिन जहां तक 80 फीसद शवों का ताल्लुक कोविड से है तो वो जांच का विषय है। कोरोना की दूसरी लहर में शिवराज सरकार की तैयारी भी दूसरे राज्यों की ही थी तरह थी। लेकिन मई के शुरुआती हफ्तों में कोविड की वजह से उपजी दिक्कतों को दूर करने में मध्य प्रदेश सरकार ने पर्याप्त कदम उठाए और उसका असर आंकड़ों पर भी दिखाई दे रहा है।