- कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुके हैं
- विपक्षी दलों को बिल के प्रावधानों से है ऐतराज, पंजाब और हरियाणा में ज्यादा विरोध
- मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कृषि बिल को ऐतिहासिक बताया
भोपाल। कृषि बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो चुका है। लेकिन विपक्ष का विरोध संसद से लेकर सड़क तक जारी है। विपक्षी सांसदों में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और बिल को मंजूरी नहीं देने की अपील की। लेकिन मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा।
जो किसानों के हितैषी नहीं वो कर रहे हैं विरोध
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सच तो यह है कि विपक्ष को पीएम मोदी के सभी कामों की आलोचना का आदत पड़ चुकी है। हाल ही में जो कृषि क्षेत्र से जुड़े जिन तीन बिल को पारित किया गया वो बड़े पैमाने पर बदलाव लाने वाले हैं। इन बिल की वजह से किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। दरअसल कांग्रेस इस लिए विरोध कर रही है वो किसानों के सामने अपनी नाकामियों को किस अंदाज में पेश करेगी।
एमएसपी पर केंद्र का रुख साफ
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगर कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों विधेयकों को देखें तो उसमें किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए तमाम तरह के अवसर उपलब्ध हैं। देश के सभी हिस्सों में जहां किसानों के उनकी उपज का अच्छा दाम मिलेगा वहां वो सौदा कर सकेंगे। जहां तक एमएसपी और एपीएमसी की बात है तो केंद्र सरकार ने साफ साफ कहा है कि इसे किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं किया जाएगा। ऐसी सूरत में विपक्ष कपोलकल्पित सोच के साथ बिल का विरोध कर रहा है।