- दिग्विजय सिंह की सोच को शिवराज सिंह चौहान ने बताया तालिबानी
- कतर के विशेष दूत के खुलासे के बाद दिग्विजय सिंह ने उठाये थे सवाल
- इस तरह की खबरें आईं कि भारतीय अधिकारी तालिबान से चुुपके चुपके मिले
क्या तालिबान से भारत सरकार की अनौपचारिक बात हो रही है। इसे लेकर भारतीय राजनीति में तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से एक खबर आई कि दिग्विजय सिंह ने कहा कि भारती अधिकारियों ने हाल ही में चुपके चुपते तालिबान नेताओं से मिले। अब उनके इस बयान पर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने निशाना साधते हुए कहा कि दरअसल दिग्विजय सिंह की सोच ही तालिबानी हो चुकी है।
शिवराज सिंह चौहान का खास ट्वीट
कतर के विशेष दूत का खुलासा
कतर के विशेष दूत द्वारा खुलासा किए जाने के एक दिन बाद कि भारतीय अधिकारियों ने दोहा में तालिबान प्रतिनिधियों से "चुपचाप" मुलाकात की, वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार से तत्काल बयान की मांग की और पूछा कि क्या भाजपा आईटी सेल देशद्रोह की श्रेणी में इसका संज्ञान लेगा।भारत सरकार को इस विषय पर तत्काल बयान देना चाहिए। क्या बीजेपी आईटी सेल देशद्रोह की श्रेणी में इसका संज्ञान लेगी, ”मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम ने एक ट्वीट में कहा।
दिग्विजय सिंह ने पूछा था सवाल
दिग्विजय सिंह का यह बयान मुतलाक बिन मजीद अल-कहतानी के बाद आया है, जो कतर के विदेश मंत्री के विशेष दूत हैं, उन्होंने कहा कि भारत तालिबान को इसलिए नहीं उलझा रहा है क्योंकि वे अफगानिस्तान पर कब्जा कर सकते हैं, बल्कि यह कि वे नए राजनीतिक ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। भूमि से घिरा देश। मैं समझता हूं कि तालिबान के साथ बात करने के लिए भारतीय अधिकारियों द्वारा एक शांत यात्रा की गई है ... क्योंकि तालिबान एक प्रमुख घटक है, या होना चाहिए या अफगानिस्तान के भविष्य का एक प्रमुख घटक होने जा रहा है।