- 15 जुलाई से चंडीगढ़ की सड़कों पर दौड़ेंगी 40 अतिरिक्त बसें
- शहर के हर रूट पर 7 से 10 मिनट के अंतराल पर मिलेगी एक बस
- सीटीयू संबंधित कंपनी को करेगा प्रति किलोमीटर 44.99 रुपये का भुगतान
Chandigarh Electric Bus: चंडीगढ़ की सड़कों पर अगले महीने 15 जुलाई से 40 नई इलेक्ट्रिक बसें दौड़ती नजर आएंगी। इन बसों को चंडीगढ़ लाने का रास्ता साफ हो गया है। अब इन्हें चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (सीटीयू) के बेड़े में अगले माह शामिल कर लिया जाएगा। इन बसों के आ जाने से शहर के सिटी परिवहन में सुधार होगा और सड़क पर यात्रियों का इंतजार कम होगा।
सीटीयू अधिकारियों का दावा है कि इन बसों के आने के बाद हर रूट पर 7 से 10 मिनट के अंतराल पर बस चलेगी। साथ ही इन बसों पर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को भी कम खर्च करना पड़ेगा।
ट्रायल के लिए इसी माह आएंगी कुछ बसें
बता दें कि अभी चंडीगढ़ में 40 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं, इन्हें बढ़ाकर 80 तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके लिए लंबे समय से 40 अतिरिक्त बसें लाने की प्रक्रिया चल रही थी। हाल ही में डायरेक्टर ट्रांसपोर्ट व अन्य अफसर इंदौर का दौरा करके आए हैं। जहां से ये बसें कंपनी की तरफ से सप्लाई की जानी हैं। इनमें से कुछ बसें ट्रायल के लिए इसी माह चंडीगढ़ पहुंचेगी, बाकि की सभी बसें 15 जुलाई तक मिल जाएंगी। इन बसों को खरड़, मोहाली के दूसरे एरिया और पंचकूला के साथ कनेक्टिविटी के लिए चलाया जाएगा।
44.99 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से चलेंगी बसें
सीटीयू ने इन बसें के लिए कंपनी के साथ समझौता किया है। यह कंपनी सबसे कम 44.99 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च पर इन इलेक्ट्रिक बसों को चंडीगढ़ में चलाएगी। इससे पहले शहर में चल रहीं इलेक्ट्रिक बसों के लिए सीटीयू एक अन्य कंपनी को प्रति किलोमीटर 60 रुपये भुगतान करता है। ऐसे में नई कंपनी की बस चलाने पर 15 रुपये कम खर्च आएगा। हालांकि बसों के डिजाइन में ज्यादा बदलाव नहीं होगा।
केंद्र सरकार से चंडीगढ़ को मिली हैं ये बसें
बता दें कि केंद्र सरकार ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफेक्चरिंग ऑफ हाईब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) इंडिया स्कीम के तहत चंडीगढ़ को ये 80 बसें लेने की मंजूरी दी है। इलेक्ट्रिक बसों की कीमत काफी ज्यादा है। अधिकारियों के अनुसार एक बस करीब दो करोड़ रुपये में आती है। इसलिए चंडीगढ़ इन बसों को खरीद नहीं रहा है, बल्कि प्रति किलोमीटर खर्च के आधार पर दस साल के लिए कांट्रेक्ट कर चलवा रहा है। इन बसों की मेंटनेंस और ऑपरेशन खर्च भी कंपनी ही उठाएगी। सीटीयू का केवल कंडक्टर ही बस में होता है। बदले में सीटीयू कंपनी को प्रति किलोमीटर निर्धारित रेट ही अदा करती है।