- यूटी के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में होगा चाइल्ड सेफ्टी ऑडिट
- समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर कई विभाग को मिलाकर टीम गठित
- डीसी के आदेश पर हादसे का होगी मजिस्ट्रियल जांच
Chandigarh News: सेक्टर-9 स्थित कार्मल कॉन्वेंट स्कूल में हुए हादसे के बाद चंडीगढ़ प्रशासन जागा है। आगे इस तरह के हादसे न हो इसके लिए प्रशासन अब यूटी के सभी स्कूलों का चाइल्ड सेफ्टी ऑडिट कराने जा रहा है। इस संबंध में प्रशासन द्वारा टीम गठित कर निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ डीसी ने स्कूल में पेड़ गिरने से हुई छात्रा की मौत मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच में एसडीएम सेंट्रल के अलावा हॉर्टिकल्चर विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर को भी शामिल किया गया है। इन्हें एक सप्ताह के अंदर पेड़ गिरने के कारणों की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
वहीं, दूसरी तरफ इस घटना के बाद समाज कल्याण विभाग ने चंडीगढ़ कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (सीसीपीसीआर) को एक समय सीमा के अंदर यूटी के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में चाइल्ड सेफ्टी ऑडिट करने को कहा है। समाज कल्याण विभाग की सचिव नितिका पवार की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि, स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थानों का दौरा कर वहां लगे पेड़ों की स्थिति व इस तरह के अन्य खतरों का जायजा लिया है। जिससे भविष्य में इस तरह के किसी भी हादसे से बचा जा सके। यह पत्र मिलने के बाद सीसीपीसीआर की चेयरपर्सन हरजिंदर कौर ने चाइल्ड सेफ्टी ऑडिट के लिए टीम का गठन कर दी है। इस टीम में शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य, वन विभाग, नगर निगम, पुलिस व समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया है।
प्रशासन ने स्कूल पर डाली जिम्मेदारी
बता दें कि, कार्मल कान्वेंट स्कूल में हेरिटेज पेड़ गिरने के बाद एक छात्रा की जान जाने व दर्जनों छात्र के घायल होने के मामले में यूटी प्रशासन की खूब किरकिरी हो रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि, जिस 250 साल पुराने पीपल का पेड़ के गिरने से यह हादसा हुआ उसके रखरखाव की जिम्मेदारी प्रशासन के वन विभाग के पास थी। हादसे के बाद डीसी ने कहा था कि, उन्हें स्कूल प्रबंधन की तरफ से कभी भी यह आग्रह नहीं मिला कि, इस पेड़ से जीवन या संपत्ति को खतरा है। हालांकि अब इस हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं।