- 14 सरकारी स्कूलों में रोबोटिक्स प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना
- मिनिस्ट्री की ओर से हर क्लस्टर में 91 लाख रुपए खर्च करने को मंजूरी
- अब छात्र-छात्राएं विज्ञान की उन्नत तकनीक को स्कूलों में ही सीख सकेंगे
Chandigarh News: विज्ञान की तकनीक के बढ़ते कदमों के बीच स्कूली बच्चों को साइंस की रोबोटिक शिक्षा देने के लिए इस बार यूटी शिक्षा विभाग पहली बार 14 सरकारी स्कूलों में रोबोटिक्स प्रयोगशाला स्थापित करने की योजना बना रहा है। योजना लागू करने के पीछे विभाग की मंशा है कि, छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक एजुकेशन व उनकी महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा मिल सके। स्कूलों में लैब स्थापना को लेकर परियोजना अनुमोदन बोर्ड की मीटिंग में एजुकेशन मिनिस्ट्री की ओर से हर क्लस्टर में 91 लाख रुपए खर्च करने को मंजूरी दे दी गई है।
अगर सब कुछ ठीक रहा तो अब छात्र-छात्राएं विज्ञान की उन्नत तकनीक को स्कूलों में ही सीख सकेंगे। योजना से जुड़े दावों की अगर बात करें तो हर लैब में एक रोबोट किट होगी। जिसमें प्रयोग करो व सीखो की तर्ज पर विज्ञान और गणित की व्यावहारिक अवधारणा को समझने में मदद मिलेगी। लैब में व्यावहारिक प्रयोगों की सुविधा दी जाएगी। प्रयोगशाला में विद्यार्थियों को भौतिकी में बुनियादी नियमों के सर्किट व प्रोग्रामिंग किट के बारे में सीखने के लिए कई अन्य किट भी दिए जाएंगे। जिससे उन्हें रोबोटिक्स के विभिन्न क्षेत्रों में अपने विचारों को बदलने में मदद करेंगे और प्रोग्रामिंग कौशल और कोडिंग के माध्यम से इनको खोजने में मदद करेंगे।
इस तरह के उपकरण होंगे प्रयोगशाला में
स्कूलों में नई शुरू होने जा रही लैबों में एक यांत्रिक निर्माण सेट, डीआईवाई किट में एक ऐड-ऑन होगा, जो छात्रों को अगले स्तर पर जाने में मदद करेगा। वहीं विद्यार्थी थ्रीडी प्रिंटर व पेन की मदद से सीएडी सॉफ्टवेयर पर उनके द्वारा बनाए गए डिजाइनों को भौतिक रूप से देख और सीख सकेंगे। यहां आपको बता दें कि, केंद्र सरकार की ओर से इससे पूर्व में 6 अटल टिंकरिंग लैब्स व अटल इनोवेशन मिशन के तौर पर पहल की गई थी। अब भारत सरकार हाई स्कूल के विद्यार्थियों के लिए चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में रोबोटिक्स प्रयोगशाला स्थापित कर रही है। लैब में रोबोट किट, सर्किट किट, प्रोग्रामिंग किट, यांत्रिक निर्माण सेट, 3डी प्रिंटर और पेन, यांत्रिक निर्माण उपकरण, सोलर व ड्रोन आदि होंगे।