- चंडीगढ़ पीजीआई के विशेषज्ञों ने बनाया सी-पैप हेलमेट
- इससे आईसीयू में भर्ती मरीजों को मिल सकेगी कई सुविधा
- मरीज इस मास्क को पहनकर कर सकेंगे भोजन और बातचीत
Chandigarh PGI: कोरोना के समय मरीजों को होने वाली परेशानी को कम करने के लिए चंडीगढ़ पीजीआई के विशेषज्ञों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां के डॉक्टरों ने एक मास्क बनाया है, जिसकी मदद से आईसीयू में भर्ती मरीज वेंटिलेटर पर होने के बावजूद भोजन कर सकेंगे। डॉक्टरों द्वारा इस मास्क को सी-पैप हेलमेट कहा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार मरीज इस सी-पैप हेलमेट को लगाकर अपनों से बात करने के साथ उन्हें देख भी सकते हैं। अभी तक आईसीयू में भर्ती मरीजों को नॉन इंवेंजिव वेंटिलेशन मास्क लगाना पड़ता है, जिनमें मरीजों को कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती थी। इस डिवाइस को तैयार करने के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की तरफ से पीजीआई को अनुदान मिला है।
इस प्रोजेक्ट के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. शिवलाल सोनी ने सी-पैप हेलमेट की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना के समय जब आईसीयू में मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ने लगी तो हमारा ध्यान नॉन इंवेंजिव वेंटिलेशन मास्क से मरीजों को होने वाली परेशानी पर गया, जिसके बाद हमने इसका विस्तार से अध्ययन किया। जिसके बाद हमे पता चला कि पूरे विश्व में सिर्फ इटली के अंदर सी-पैप हेलमेट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन वह इतना महंगा था कि उसे मरीजों के लिए मंगाना संभव नहीं हो पा रहा था। इसलिए हमने इसे खुद तैयार करने का फैसला किया। रिसर्च के लिए डीआरडीओ से फंडिंग मांगी। इसकी अनुमति मिलने पर इंड्रस्ट्रियल पार्टनर के साथ मिलकर इस डिवाइस पर काम शुरू किया और इसे बनाने में सफलता हासिल कर ली।
विदेश की कीमत से काफी कम
डॉ. शिवलाल सोनी ने बताया कि इस डिवाइस की विदेशों में कीमत 20 हजार रुपये है, जबकि हम इसे यहां पर महज 3 से 4 हजार रुपये की लागत में तैयार कर रहे हैं। डॉ. सोनी ने बताया कि सी-पैप हेलमेट में मरीज के लिए राइस ट्यूब फीडिंग की सुविधा भी दी गई है। इससे मरीज आईसीयू में वेंटिलेटर पर होने के बाद भी फीडिंग ले पाएगा। वहीं वह बात भी कर सकेगा। वहीं अभी यूज होने वाले नॉन इंवेंजिव वेंटिलेशन मास्क में यह सारी सुविधाएं नहीं हैं।