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Chandigarh MC: चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स जमा करवाने की तारीख बढ़ी, निगम की बैठक में जमकर बवाल

Updated May 27, 2022 | 18:01 IST

Chandigarh MC: चंडीगढ़ वालों को प्रॉपर्टी और हाउस टैक्‍स जमा करने के लिए दो माह का अतिरिक्‍त टाइम मिल गया है। अब लोग बिना किसी जुर्माने और ब्याज के 31 जुलाई तक प्रॉपर्टी टैक्‍स जमा करवा सकते हैं। वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को नगर निगम की बैठक में भाजपा और आप पार्षदों के बीच जमकर बवाल हुआ।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
चंडीगढ़ में 31 जुलाई तक जमा करा सकते हैं प्रॉपर्टी टैक्स
मुख्य बातें
  • प्रॉपर्टी टैक्‍स जमा कराने के लिए मिला दो माह का अतिरिक्‍त समय
  • शहर वासी अब 31 जुलाई तक बिना जर्माने के जमा करा सकते हैं प्रॉपर्टी टैक्‍स
  • नगर निगम की बैठक में पेट्रोल छूट मामले को लेकर भीड़े आप और बीजेपी के पार्षद

Chandigarh MC: चंडीगढ़ नगर निगम ने लोगों को राहत देते हुए प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स जमा करवाने की तारीख बढ़ा दी है। निगम की तरफ से यह बढ़ोतरी 2 महीने के लिए की गई है। अब शहरवासी 31 जुलाई तक हाउस टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स बिना किसी जुर्माने और ब्याज के जमा करवा सकते हैं। इससे पहले इसकी तारीख 31 मई था।  

बता दें कि, शहर के लोग काफी दिनों से टैक्स जमा करवाने की तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनकी मांग पहली बार लगाए गए प्रॉपर्टी और हाउस टैक्स को वापस लिए जाने की भी थी। इस बार नगर निगम ने एक अप्रैल से ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों के 22 हजार घरों में हाउस टैक्स लगाया है। अभी तक निगम की तरफ से 31 मई तक सेल्फ असेस्टमेंट की तारीख तय थी, जिसे अब दो महीने बढ़ा कर 31 जुलाई कर दी गई है।

नगर निगम की बैठक में बवाल

इसको लेकर शुक्रवार को चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक आयोजित की गई। जिसमें अफसरों और मेयर की पेट्रोल की लिमिट को खत्म करने के लिए प्रस्ताव लाया गया। इस बात को लेकर आप और बीजेपी के पार्षद आपस में भीड़ गए। दरअसल,  2020 में कोरोना काल में प्रशासन की तरफ से खर्चे कम करने के लिए कहा गया था। जिसके बाद मेयर और नगर निगम अफसरों को प्रतिमाह मिलने वाले पेट्रोल में से 20 प्रतिशत की कटौती की गई थी। कोरोना से पहले मेयर को हर माह 300 लीटर पेट्रोल, आयुक्त को 250 लीटर और अन्य अफसरों को 200 लीटर पेट्रोल मिलता था, जो कोरोना के समय 20 प्रतिशत कटौती के बाद कम हो गया था। अब कोराना लगभग खत्म हो गया है, इसलिए एक बार फिर से निगम सदन में पुरानी लिमिट वापस लाने के लिए प्रस्ताव रखा गया। जिसको लेकर विपक्ष के पार्षदों ने काफी विरोध किया। जिस वजह से काफी देर तक सदन का कार्य प्रभावित रहा।