- चंडीगढ़ के डंपिंग जोन में अब नहीं बनेगा कचरे का पहाड़
- डड्डूमाजरा के गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट को अपग्रेड करने का कार्य शुरू
- शहर के पहले बागवानी वेस्ट प्लांट का निर्माण कार्य जुलाई माह से
Chandigarh Garbage Processing Plant News: चंडीगढ़ की सबसे बड़ी समस्या में से एक बागवानी वेस्ट से जल्द ही इस शहर को छुटकारा मिलने वाला है। डड्डूमाजरा का गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट को अपग्रेड करने की प्रक्रिया जहां अक्टूबर माह तक पूरी हो जाएगी, वहीं बागवानी वेस्ट प्रोसेस करने का भी प्लांट इस साल के अंत तक शुरू हो जाएगा। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। अधिकारियों के अनुसार जुलाई माह से प्लांट लगाने का कार्य शुरू होगा। चंडीगढ़ में पहली बार इस तरह का प्लांट लगाया जा रहा है।
नगर निगम का दावा है इन दोनों प्लांट के शुरू होने के बाद शहर से निकलने वाला करीब 95 फीसद गीला, सूखा और बागवानी वेस्ट प्रोसेस होने लगेगा। इसके बाद डंपिग ग्राउंड में कचरा गिरने की प्रक्रिया भी बंद कर दी जाएगी। नगर निगम कमिश्नर आनिदिता मित्रा ने बताया कि अभी शहर से प्रतिदिन करीब 200 टन सूखा और 300 टन गीला कचरा निकलता है। इन दोनों प्लांट के शुरू होने के बाद यह सभी गारबेज प्रोसेस होने लग जाएगा। साथ ही इस समय डंपिग ग्राउंड में जो कचरा गिर रहा है वह भी गिरना बंद हो जाएगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में भी इसका फायदा मिलेगा।
शहर में प्रतिदिन निकलता है 10 टन बागवानी वेस्ट
चंडीगढ़ में बागवानी वेस्ट एक बहुत बड़ी समस्या है। यहां पर प्रतिदिन करीब 10 टन बागवानी वेस्ट निकलता है, जबकि पतझड़ के मौसम में यह कई गुना बढ़ जाता है। नगर निगम के अनुसार बागवानी वेस्ट का प्लांट 3बीआरडी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास डेढ़ एकड़ में लगाया जाएगा। नगर निगम ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3.50 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार किया है। इसमें प्लांट की बाउंड्रीवाल और शेड भी बनाया जाएगा। जुलाई में इस प्लांट का काम शुरू होगा और नवंबर या दिसंबर तक इसे पूरा कर शुरू कर दिया जाएगा। यहां पर बागवानी वेस्ट को प्रोसेस करने के बाद जो सामग्री तैयार होगी उसे नगर निगम ओपेन मार्केट में बेच कर अतिरिक्त कमाई भी करेगा। इसके अलावा नगर निगम अब शहर से पत्तों को उठाने के लिए किराये पर ट्रालियां लेने की जगह इन ट्रालियों को खरीद कर यूज करेगा। अभी बागवानी वेस्ट के निस्तारण के लिए निगम द्वारा कई पार्को में पिट्स (गड्ढे) भी बनाए गए हैं, जहां पर इन बागवानी वेस्ट से खाद बनाकर पार्कों में छिड़काव किया जाता है।