- आरोपी ने रिकवरी का पैसा दिलाने के लिए मांगी थी 2 लाख रुपये घूस
- सीबीआई ने ट्रैप लगाकर आरोपी को उसके ऑफिस से किया गिरफ्तार
- इस मामले में अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी हो रही जांच
Chandigarh News: चंडीगढ़ के सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार चरम पर है। छोटे से छोटे काम के लिए भी लोगों को रिश्वत देनी पड़ती है। वहीं कुछ विभाग में ऐसे अधिकारी भी हैं, जो बिना रिश्वत अपना हाथ तक नहीं हिलाते। ऐसे ही एक अधिकारी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। सीबीआई की टीम ने सेक्टर-17 स्थित ऋण वसूली न्यायाधिकरण विभाग में कार्यरत रिकवरी ऑफिसर सुनील कुमार तिवारी को 70 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
उक्त, आरोपित ऑफिसर ने एक मामले में रकम की रिकवरी करने को लेकर दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। इसके बदले वह फाइल केस में मदद करता। इसकी शिकायत सीबीआई को की गई। जिसके बाद सीबीआई की टीम ने वीरवार को आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई की टीम ने देर रात आरोपी के सेक्टर-17 स्थित ऑफिस और आवास पर पहुंचकर भी दस्तावेज और नकदी जब्त की।
आरोपी ने फाइलों में उलझा रखा था मामला
सीबीआई को रिश्वत मांगने की शिकायत करने वाले हरियाणा के कैथल निवासी सुमित ने बताया कि उसने कुछ समय पहले ही ओपन नीलामी के दौरान कुछ मशीनें खरीदी थीं। उन मशीनों का पूरा पेमेंट करने के बाद पता चला कि उससे, इन मशीनों के बदले ज्यादा पैसा वसूला गया है। इसी पैसों की रिकवरी के लिए सुमित ने ऋण वसूली न्यायाधिकरण में केस फाइल किया था। सुमित ने बताया कि, केस फाइल करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। शिकायत को फाइलों में उलझा कर उसे ऑफिस के चक्कर कटाए जा रहे थे।
सीबीआई की टीम ने दबोचा
कुछ दिनों पहले आरोपी ऑफिसर सुनील कुमार तिवारी ने रिकवरी करने के एवाज में दो लाख रुपये रिश्वत देने की डिमांड रखी। दोनों के बीच बातचीत होने के बाद पूरा सौदा 70 हजार रुपये में तय हुआ। सुमित ने इसकी शिकायत सीबीआई को कर दी। जिसके बाद सीबीआई ने ट्रैप लगाया और शिकायतकर्ता को रिश्वत का पैसा देने के लिए आरोपी के ऑफिस भेज दिया। आरोपित ने जैसे ही रिश्वत के पैसे पकड़े, पहले से ही तैनात खड़ी सीबीआई की टीम ने उसे दबोच लिया। अब टीम यह भी जांच कर रही है कि इस मामले में कोई और अधिकारी तो शामिल नहीं है।