- कोर्ट द्वारा बुलाए जाने पर बगैर वर्दी कोर्ट पहुंच करने लगे जज से बहस
- जज ने इंस्पेक्टर के उल्टे सीधे जवाबों पर दी चेतावनी तो करने लगे अपमानित
- चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने ट्रायल चलाने का आदेश देते हुए की सख्त टिप्पणी
Chandigarh Crime News: कोर्ट में बिना वर्दी पहने पहुंचने और जज के साथ बदतमीजी करने के आरोप में कोर्ट अब चंडीगढ़ पुलिस आपरेशन सेल के इंचार्ज इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह पर ट्रायल चलायेगा। इंस्पेक्टर अमनजोत पर आरोप है कि एक आरोपित की पेशी के दौरान वे कोर्ट में बगैर वर्दी आए और जज के सामने चिल्लाने, अशोभनीय भाषा का प्रयोग कर कोर्ट को अपमानित किया। यह मामला ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भरत की कोर्ट का है। कोर्ट द्वारा इसकी शिकायत चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) से की गई, जिसके बाद जिला अदालत में आरोपी इंस्पेक्टर अमनजोत के खिलाफ आईपीसी की धारा 186, 188, 228, 353 और 166ए के तहत ट्रायल चलाने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही तीन अगस्त को आरोपी इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।
यह पूरा मामला 14 अप्रैल, 2022 का है। आरोप है कि, आपरेशन सेल में तैनात एएसआई सुरजीत सिंह एक आरोपी को पेश करने के लिए कोर्ट पहुंचे और आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने की अर्जी दी। कागजात पर इंस्पेक्टर अमनजोत सिंह के हस्ताक्षर थे। जिस पर मजिस्ट्रेट ने अर्जी पर दस्तखत करने वाले इंस्पेक्टर अमनजोत को बुलाने को कहा। जिसके बाद इंस्पेक्टर अमनजोत बिना वर्दी कोर्ट पहुंच गए। इस पर जब ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भरत ने एतराज जताया तो इंस्पेक्टर अमनजोत उल्टे-सीधे जवाब देकर बदतमीजी करने लगे।
कोर्ट ने आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ दिए सख्त आदेश
आरोप है कि कोर्ट ने चेतावनी देकर जब 10 से 13 अप्रैल तक केस की जिमनी पेश करने को कहा तो आरोपी इंस्पेक्टर ने फिर से सरकारी वकील और कोर्ट स्टाफ की मौजूदगी में जज के साथ बुरा बर्ताव करते हुए उनकी बेज्जती करने की कोशिश की। इस मामले में सीसीटीवी फुटेज, कोर्ट स्टाफ, सरकारी वकील को गवाह बनाया गया है। इस मामले में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा आरोपी अमनजोत सिंह के खिलाफ ट्रायल चलाने का आदेश जारी करने हुए कहा गया है कि इंस्पेक्टर अमनजोत का व्यवहार कोर्ट में पेशी के दौरान विरोध, अभद्र, अनादर पूर्ण और टकराव पूर्ण बना रहा। कोर्ट के प्रति इस इंस्पेक्टर रैंक के पब्लिक सर्वेंट का कृत्य और आचरण न सिर्फ बेहद अशोभनीय है, बल्कि इसने कोर्ट के कार्य में बाधा पहुंचाने का कार्य किया। इसलिए इसके खिलाफ ट्रायल चलाया जाये।