- बिल न देने पर अब व्हाट्सएप नंबर पर कर सकते हैं शिकायत
- एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने शिकायत के लिए जारी किया नंबर
- बिल न देने वाले दुकानदारों पर लगाया जाएगा मोटा जुर्माना
अगर आप किसी दुकान से कोई सामान खरीद रहे हैं, तो उससे बिल लेना न भूलें। यह बिल लेकर जहां आप देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपना योगदान देंगे, वहीं यह भविष्य में सुबूत के तौर पर भी आपके काम आएगा। वहीं, अगर कोई दुकानदार बिल देने से इनकार करे तो आप अब उसकी सीधे शिकायत भी कर सकते हैं। इसके लिए एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने एक वाट्सएप नंबर जारी किया है।
यह जानकारी एक्साइज एंड टैक्सेशन के असिस्टेंट कमिश्नर रणधीर सिंह ने इंडस्ट्रियल एरिया फेज-2 में इंडस्ट्रियलिस्ट के साथ एक बैठक में दी। उन्होंने कहा कि, अगर प्रोडक्ट या सर्विस को लेकर कोई शिकायत या विवाद रहता है, तो बिना बिल शिकायत का कोई महत्व नहीं है। अगर कस्टमर के पास बिल होगा तो वह कानूनी तौर पर मजबूत होगा और वह कंज्यूमर कोर्ट में जा सकता है। उन्होंने कहा कि, रिटेलर्स को प्रत्येक खरीद पर बिल जारी करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर डिफाल्टर्स के खिलाफ जीएसटी एक्ट के तहत मोटी पेनल्टी लगाई जाएगी।
25 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक का जुर्माना
इस बैठक में ही विभाग की तरफ से रणधीर सिंह ने कस्टमर्स और शॉपकीपर्स की सहायता के लिए वाट्सएप नंबर 7973855325 भी जारी किया। उन्होंने कहा कि, अगर किसी भी कस्टमर को बिल लेने में कोई परेशानी हो रही है या दुकानदार बिल नहीं दे रहा हो तो इस नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। डिपार्टमेंट शिकायत के बाद तुरंत जरूरी कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि, बिल नहीं देने पर 25 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक पेनल्टी का प्रावधान है। इस मौके पर उन्होंने डीलर्स की समस्याएं भी सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि, उनका निदान जल्द किया जाएगा।
बिल न देकर की जाती है टैक्स की चोरी
असिस्टेंट कमिश्नर रणधीर सिंह ने कहा कि, दुकानदारों द्वारा बिल नहीं जारी करने की सबसे बड़ी वजह टैक्स चोरी करना है। टैक्स चोरी करने के लिए लोग तरह तरह के हत्थकंडे अपनाते हैं। इससे वह कस्टमर को भी यही कहते हैं कि, बिल चाहिए तो अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इस डर से ही कस्टमर बिल लेने से इनकार कर देता है। उन्होंने कहा कि, जीएसटी चोरी के कई ऐसे मामले विभाग के पास आ रहे हैं। इसी टैक्स चोरी को रोकने के लिए अब व्हाट्सएप नंबर जारी किया गया है। कस्टमर सीधे विभाग को शिकायत कर सकेंगे।