- दिल्ली में कोरोना के मामलों में आई कमी, 2 से 15 जून के अंदर 4, 653 मामले
- अप्रैल और मई के महीने में कोरोना के कहर से दिल्ली के अस्पतालों का था बुरा हाल
- ऑक्सीजन की कमी, दवाइयों की किल्लत से दो चार हुई थी दिल्ली
कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार अब कब हो रही है। अगर बात दिल्ली की करें तो अप्रैल से लेकर मई तक दिल्ली ने जो दौर देखा उससे आम लोग हों या खास सभी परेशान थे। दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी से अस्पतालों की सांसें फूल रही थी तो दूसरी तरफ दवाइयं की किल्लत ने हाल और खराब कर दिया था। आईसीयू बेड्स की दिक्कतें थीं हालांकि सरकार ने धीरे धीरे हालात पर काबू किया। अब अगर कोरोना भयावह रूप से दस्तक दे तो उस तरह की स्थिति का निर्माण ना हो इसके लिए दिल्ली सरकार कुछ खास उठा रही है।
संभावित लहर से निपटने की खास तैयारी
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहली और दूसरी लहर में, हमने मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी देखी। इसलिए, सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है-5000 स्वास्थ्य सहायक तैयार करना। आईपी विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक 2 सप्ताह के लिए 5000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें दिल्ली के 9 प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
डॉक्टर-नर्स के सहायक के रूप में काम करेंगे ट्रेंड युवा
वे डॉक्टर-नर्स के सहायक के रूप में काम करेंगे। उन्हें नर्सिंग, पैरामेडिक्स, जीवन रक्षक, प्राथमिक चिकित्सा और घरेलू देखभाल में बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन 17 जून से भरे जा सकते हैं, प्रशिक्षण 28 जून से। योग्य उम्मीदवारों को कक्षा 12 उत्तीर्ण होना चाहिए और उनकी आयु 18+ होनी चाहिए। दिल्ली सरकार का कहना है कि पहली और दूसरी लहर के बीच जो खामियां हुईं उसका अध्ययन करने के बाद और तैयारी की जा रही है ताकि दिल्ली को आने वाले किसी भी लहर से निपटने में मदद मिले।
इन तैयारियों के बीच दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का इस्तेमाल और वैक्सीनेशन यही हथियार हैं और इसका इस्तेमाल बहुरुपिया कोरोना के खिलाफ होना चाहिए। अर्थव्यवस्था पटरी पर आए इसके लिए अनलॉक का फैसला किया गया है। लेकिन सरकार की अपील है कि खतरा टला नहीं है सभी लोग के सम्मिलित प्रयास से ही कोरोना की इस महामारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।