- दिल्ली में वायु की गुणवत्ता दिनोंदिन हो रही है खराब
- सीपीसीबी ने 50 टीमों का किया गठन, प्रदूषण के खिलाफ बने नियमों के पालन की करेगी निगरानी
- जानकारों के मुताबिक इस साल पराली पिछले साल के मुकाबले ज्यादा जलाई गई है।
नई दिल्ली। अभी सर्दी शुरू नहीं हुई है, लेकिन दिल्ली और एनसीआर का दम फूलना शुरू हो चुका है, दिल्ली और एनसीआर के आसमां पर स्मॉग राज कर रहा है और उसका असर हर एक पर है। खासतौर से बच्चे, बुजुर्ग और सांस की दिक्कतों का सामना कर रहे लोगों के सामने बड़ी चुनौती है। लेकिन सबसे पहले दिल्ली के खास जगहों के बारे में एक्यूआई लेवल को जानने की जरूरत है।
दिल्ली की हवा हुई जहरीली
आईटीओ पर एक्यूआई 366, आरकेपुरम में 313, आनंद विहार में 339, वजीपुर में 339 है, इन चारों जगहों पर वायु की गुणवत्ता खरब श्रेणी में है। दिल्ली के सभी हिस्सों में वायु की गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब हो रही है। वायुमंडल में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर बढ़ता जा रहा है। जानकारों का कहना है कि हवा की रफ्तार जैसे जैसे कम होगी पीएम 2.5 वातावरण में स्थिर हो जाएंगे।
सरकार से कड़े कदम उठाने की अपील
दिल्ली और एनसीआर में वायु की गुणवत्ता ज्यादा खराब न हो इसके लिए सीपीसीबी ने भी कमर कस ली है। दिल्ली और एनसीआर में करीब 50 टीमें आज से निगरानी के लिए लगाई जाएंगी ताकि यह चेक किया जा सके कि मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स के साथ साथ निर्माण कार्यवाली इकाइयां नियमों का पालन कर रही हैं या नहीं। इसके साथ ही दिल्ली के रहने वाले एक युवक ने कहा कि जिस तरह की तस्वीर सामने आ रही है उसे देखते हुए सरकार को और कड़े नियमों के साथ आना चाहिए। खासतौर से पराली के जलाए जाने पर किस तरह रोक लग सकती है उस पर विचार करना ज्यादा जरूरी है।