- दिल्ली में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए डीडीएम ने लिया बड़ा फैसला
- राजधानी के सभी निजी दफ्तर बंद रहेंगे, वर्क फ्राम होम कराने का निर्देश जारी
- सभी रेस्टोरेंट एवं बार बंद रहेंगे, रेस्टोरेंट से हो सकेगी केवल होम डिलीवरी
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों पर डीडीएमए ने मंगलवार को बड़ा फैसला किया। डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली में सभी निजी दफ्तर बंद रहेंगे। केवल जरूरी सेवाओं से जुड़े कार्यालयों के खुलने की छूट रहेगी। रेस्तरां और बार दोनों बंद रहेंगे। रेस्तरां से सिर्फ होम डिलीवर की सुविधा होगी। निजी कार्यालयों को हर्फ फ्राम होम कराने के लिए कहा गया है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होने के बाद डीडीएमए ने पाबंदियों को सख्त करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज दोपहर कोरोना की स्थिति पर प्रेंस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं। सीएम दिल्ली के अस्पतालों का दौरा भी करेंगे।
दिल्ली में पांच दिन में 46 लोगों की मौत
दिल्ली में कोरोना के आंकड़े डराने वाले हैं। दिल्ली में कोविड से होने वाली मौतों पर डराने वाला एक आंकड़ा सामने आया है। दिल्ली में पांच से 9 जनवरी के बीच कोरोना से 46 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की मौत कम हुई है। मृतकों में 76 फीसदी ऐसे लोग हैं जिन्होंने टीका नहीं लगवाया था। मरने वाले 11 लोग ऐसे थे जो टीका ले चुके थे। जबकि 34 लोग गंभीर रूप से बीमार थे। 14 लोगों की उम्र 41 साल से 60 साल के बीच थी। पांच लोग 21 से 40 साल के थे।
सीएआईटी ने आपत्ति जताई
हालांकि, डीडीएमए के इस फैसले पर सीएआईटी ने आपत्ति जताई है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर को लिखे पत्र में उसने कहा है कि निजी कार्यालयों को बंद किए जाने से लोगों के रोजगार एवं कारोबार पर बुरा असर पड़ेगा। सीएआईटी ने सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।
बीते 10 दिनों में कोरोना के 70 मरीजों की मौत हुई
DGHS द्वारा जारी आदेश में जानकारी दी गई है कि दिसंबर के अंत से पिछले 10 दिनों में अस्पतालों में कोरोना के 70 मरीजों की मौत हुई है। जिसमें से मरने वाले लोगों में ज्यादातर कैंसर, हार्ट और लीवर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। दिल्ली के अस्पतालों के सभी MD/ MS को निर्देश दिया गया है कि वो गंभीर मरीजों की भर्ती, उनका इलाज, उनकी देखभाल को तरजीह दें और अस्पतालों में होने वाली मौतों का विश्लेषण करें। जिन लोगों को गंभीर बीमारियां हैं और वो कोरोना संक्रमित हैं उनकी विशेष तौर से देखभाल की जाए, और जरूरत अनुसार विशेषज्ञों की निगरानी में रखा जाए। 9 जनवरी को दिल्ली के अस्पतालों में 1912 कोविड मरीजों भर्ती हुए और 17 मरीजों की मौत हुई।
Delhi Restaurants: दिल्ली के रेस्टोरेंट में अब बैठकर नहीं खा सकते आप, सिर्फ 'टेक अवे' सुविधा, बार भी हुए बंद
होम आइसोलेशन की सुविधा बढ़ा रही दिल्ली सरकार
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन राहत वाली बात यह है कि कोरोनी की पिछली लहर की तरह मौजूदा लहर में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है। कोरोना से संक्रमित बहुत कम लोग ही ऐसे हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है। आने वाले समय में यदि कोरोना की वजह से लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है तो दिल्ली सरकार इसकी भी तैयारी में जुटी है। वह अस्पतालों में अतिरिक्त बेड्स की व्यवस्था कर रही है। कोविड-19 मरीजों के लिए स्थापित किये गए संस्थागत पृथक-वास केंद्रों में लगभग पांच हजार बिस्तर उपलब्ध हैं। दिल्ली सरकार होम आइसोलेशन की सुविधा बढ़ा रही है।
मास्क नहीं लगाने पर पुलिस ने रोका तो शख्स ने चला दी पिस्तौल से गोलियां
जेल में कैदी और स्टॉफ हुए संक्रमित
दिल्ली सरकार के मुताबिक अस्पतालों के 5,539 बिस्तरों में से केवल 561 पर मरीज भर्ती हैं। शाहदरा, उत्तरपूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी दिल्ली में स्थित केंद्रों में किसी भी बिस्तर पर मरीज नहीं है। दिल्ली सरकार का कहना है कि महामारी की इस लहर में ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण हैं या लक्षण नहीं हैं और मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही। इस बीच, दिल्ली के तीन कारागारों में 66 कैदी और 48 कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जेल अधिकारियों के अनुसार सोमवार तक संक्रमित पाए गए 66 कैदियों में से 42 तिहाड़ और 24 मंडोली जेल में हैं। संक्रमित पाए गए 48 कर्मचारियों में से तिहाड़ के 34, मंडोली जेल के आठ और रोहिणी जेल के छह कर्मचारी हैं।