- राजधानी दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर भी सफलता पूर्वक काबू होने लगी है
- बीते दो सप्ताह में दिल्ली में कोरोना के हस्पतालों में 2000 बेड्स और 1300 ICU बेड्स बढ़ाए जा चुके हैं
- GTB हस्पताल में सबसे अधिक अधिक 232 आईसीयू बेड्स और एलएनजेपी में 200 आईसीयू बेड्स बढ़ाए गए हैं
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर भी सफलता पूर्वक काबू होने लगी है। आम आदमी पार्टी के मजबूत इरादे और कुशल रणनीति से न सिर्फ कोरोना काबू होने लगा है बल्कि कोरोना से लड़ी जा रही इस लड़ाई के लिए दिल्ली अब पहले से और भी मजबूती से तैयार हो गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरिवाल का प्रयास है कि कोरोना से होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए तमाम संभव उपाय प्रभावी तरीके से अमल में लाए जाएं और धीरे-धीरे कोरोना पूरी तरह नियंत्रित कर लिया जाए। मुख्यमंत्री की यह सोच और उनके निर्देशन में इस दिशा में किए जा रहे कार्य रंग लाने लगे हैं। इसी का परिणाम है कि बीते दो सप्ताह में दिल्ली में कोरोना के हस्पतालों में 2000 बेड्स और 1300 ICU बेड्स बढ़ाए जा चुके हैं।
GTB हस्पताल में भी बेड बढ़ाए गए
इनमे से दिल्ली सरकार के GTB हस्पताल में सबसे अधिक अधिक 232 आईसीयू बेड्स और एलएनजेपी में 200 आईसीयू बेड्स बढ़ाए गए हैं। सनद रहे कि यह तमाम कार्य स्वयं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की निगरानी में हो रहे हैं। मुख्यमंत्री की निगरानी में एक विशेष टीम 24 घंटे दिल्ली के अस्पतालों में बेड्स बढ़ाने के कार्य की देखरेख कर पल-पल की जानकारी सीधे उन्हें पहुंचा रही है। इस बढ़ी बेड्स की संख्या के उपरांत अब दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए 9000 से अधिक रेगुलर बेड्स और 1000 से अधिक आईसीयू बेड्स उपलब्ध हैं।
10 नवंबर को सबसे अधिक 8600 पाजिटिव केस आए
ध्यान रहे कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर में 10 नवंबर को सबसे अधिक 8600 पाजिटिव केस आए जिसे कि विशेषज्ञों ने तीसरे चरण का पीक करार दिया। इसके उपरांत सरकार द्वारा कोरोना के रोकथाम के तमाम उपाय असर दिखाते नजर आने लगे और यह संख्या नियंत्रित नजर आने लगी। पिछले तीन दिनों में यह संख्या क्रमश: 22 नवंबर को 6746, 23 नवंबर को 4454 व 24 नवंबर को 6,224 रही। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर को अधिक खतरनाक बनाने में पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली के प्रदूषण का खासा योगदान रहा है।