- यात्री बसों को अब दिल्ली जाने के लिए नहीं देना पड़ेगा कर
- स्कूल बसों को भी इस समझौते में मिला है कर छूट
- हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्य के साथ हुआ समझौता
CRCTA agreement on Vehicles: दिल्ली-एनसीआर में में यात्री वाहनों की अब बे-रोकटोक आवाजाही हो सकेगी। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके अनुसार, हाल ही में दिल्ली के साथ हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकार ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसके तहत राज्य निगमों के परिवहन वाहनों के लिए एकल बिंदु कराधान की व्यवस्था होगी। इस समझौते से सबसे ज्यादा फायदा इन राज्यों से दिल्ली आने वाले बड़े वाहनों को होगा।
दिल्ली आने के लिए देना पड़ता था कर
दिल्ली आने के लिए अभी तक दूसरे राज्य के यात्री वाहनों (बसों) को कर देना पड़ता है। इस समझौते में बसों और शैक्षणिक संस्थानों के अन्य वाहनों को सड़क कर समेत कई अन्य करों में राहत दी गई है। एक अनुमान के मुताबिक, इस समझौते से दिल्ली को करीब 100 करोड़ रुपये के राजस्व का सालाना नुकसान होगा। समझौते के तहत इन चार राज्यों से आने वाले अनुबंध वाहन और छह से अधिक यात्रियों को ले जाने वाले वाहन (स्टेज कैरिज) को छूट दी गई है। सभी राज्यों के बीच इस तरह का संयुक्त पारस्परिक साझा परिवहन समझौता (सीआरसीटीए) पहले भी हुआ था, जिसकी समय सीमा जल्द ही समाप्त होने वाली है।
जानें, सीआरसीटीए की खासियत
यह समझौता दिल्ली में भारी ट्रैफिक की कमी करने और वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए किया गया है। यह राज्य परिवहन के व्यापक सार्वजनिक परिवहन वाहनों के लिए एकल बिंदु कराधान की सुविधा प्रदान करता है। यह समझौता अस्थायी परमिट/लाइसेंस (अनुबंध कैरिज और स्टेज कैरिज) सहित सभी परमिट/लाइसेंस केवल वाहन सॉफ्टवेयर पर जारी किए जाएंगे। स्टेज कैरिज वाहनों के साथ-साथ अनुबंध कैरिज वाहनों की उम्र डीजल वाहनों के लिए 10 वर्ष और पेट्रोल/सीएनजी वाहनों के लिए 15 साल तक सीमित होगी। सीआरसीटीए तत्काल प्रभाव से लागू होगा और यात्री वाहनों की निर्बाध आवाजाही के लिए 10 वर्षों वैध होगा।