नई दिल्ली : दिल्ली के अस्पतालों की परेशानी इतनी भर नहीं है कि कोरोना मरीजों के उपचार में उन्हें मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, मरीजों का उपचार करते समय डॉक्टर और स्टॉफ भी संक्रमित हो रहे हैं। इसकी वजह से अस्पतालों में चिकित्सा स्टॉफ की कमी हो गई है। कम चिकित्सकार्मियों पर मरीजों का बोझ ज्यादा हो गया है। दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की हालत भी कुछ ऐसी है।
अस्पताल के सर्जन की कोरोना से मौत
यहां के सर्जन डॉक्टर एके रावत (58) की कोरोना से मौत हो गई। हाल के दिनों में अस्पताल में मेडिकल एवं स्टॉफ के 86 लोग पॉजिटिव हुए हैं। इतनी बड़ी संख्या में चिकित्साकर्मियों के बीमार पड़ने की वजह से अस्पताल को अपना लेबर, कॉर्डियालॉजी और न्यूरोलॉजी विभाग को बंद करना पड़ा है।
अस्पतालों पर मरीजों का बोझ बढ़ गया है
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक अन्य अस्पतालों का कहना है कि कोरोना मरीजों का लोड उन पर इतना बढ़ गया है कि अस्पताल का स्टॉफ थका हुआ महसूस कर रहा है। अस्पतालों का कहना है कि पिछले महीने में केवल चार अस्पतालों में डॉक्टर, पैरामेडिक स्टॉफ सहित कम से कम 317 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। गत शनिवार को सरोज अस्पताल में पिछले 27 साल से सेवा दे रहे डॉक्टर रावत का कोरोना से निधन हो गया।
अस्पताल ने ऑक्सीजन बेड्स की संख्या बढ़ाई
अस्पताल के सर्जरी के प्रमुख एवं मुख्य कार्यकारी निदेशक डॉ. पीके भारद्वाज ने कहा, 'डॉ. रावत की मौत के बाद से स्टॉफ डरा हुआ है। फिर वह काम करने के लिए तैयार है। अस्पताल के एक भी कर्मचारी की हानि होने पर हमें बड़ा झटका लगता है।' कोरोना से संक्रमित होने वाले 86 स्वास्थ्यकर्मियों में डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वॉय और अन्य स्टॉफकर्मी शामिल हैं। अस्पताल का कहना है कि दिल्ली में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार होने पर उसने ऑक्सीजन युक्त बेड्स की संख्या 140 से बढ़ाकर 150 कर दी थी। अस्पताल का कहना है कि आने वाले दिनों में ऑक्सीजन की आपूर्ति यदि समय पर होती है तो वह बेड्स की संख्या बढ़ाकर 170 कर देगा।
कई अस्पतालों का स्टॉफ हुआ संक्रमित
दिल्ली के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत भले ही दूर होती दिख रही हो फिर भी अस्पतालों में आईसीयू बेड्स उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली के बत्रा अस्पताल में आईसीयू बेड्स नहीं हैं और यहां भर्ती होने के लिए प्रतीक्षा सूची चल रही है। बत्रा अस्पताल में हाल के दिनों में कम से कम 20 डॉक्टर और 15 से 20 पैरामेडिकल कर्मी संक्रमित हुए हैं। गत एक मई को अस्पताल में जब ऑक्सीजन समाप्त हुई तो यहां के गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी के हेड डॉ. आरके हिमथानी और 11 मरीजों की मौत हो गई।