- आईजीआई का फुल-बॉडी स्कैनर मशीन लगाने का फैसला
- अब नहीं होगी मेटल डिटेक्टर से जांच
- परीक्षण 45 से 60 दिनों तक चलाया जाएगा
Delhi Airport News: दिल्ली-एनसीआर में हवाई यात्रा करने वाले लोगों की सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने परिसर में फुल-बॉडी स्कैनर मशीन लगाने का फैसला किया है। जिसके बाद सफर करने वाले यात्रियों की जांच स्कैनिंग मशीन के जरिए की जाएगी। इसके लिए एयरपोर्ट ने परीक्षण शुरू कर दिया है। जिसके सफल होने के बाद जल्द दिल्ली एयरपोर्ट पर फुल-बॉडी स्कैनर मशीन लगा दी जाएगी।
अभी तक एयरपोर्ट परिसर में एंट्री करने से पहले यात्रियों की जांच मेटल डिटेक्टर व हैंड मेटल डिटेक्टर से की जाती है, लेकिन स्कैनर मशीन से स्कैनिंग शुरू होने के बाद इसकी जरूर नहीं होगी। इतना ही नहीं यात्रियों की जांच के लिए शारीरिक संपर्क में भी आने की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही यात्रियों की निजता भी भंग नहीं होगी।
बॉडी स्कैनर मशीन का परीक्षण
फिलहाल फुल-बॉडी स्कैनर मशीन के परीक्षण के लिए इसे एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 पर स्थापित किया गया है। नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) के मुताबिक, मेटल डिटेक्टरों के विपरीत स्कैनर मशीन से गैर-धातु वस्तुओं का पता चल सकेगा। अभी तक डीएफएमडी (पारंपरिक डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर) से इसका पता नहीं चल पाता था। दिल्ली एयरपोर्ट प्राधिकरण यह परीक्षण 45 से 60 दिनों तक चलाएगा। फुल-बॉडी स्कैनर मशीन एक घंटे पर 300 यात्रियों की जांच कर सकेगा।
यात्रियों की निजता भी होगी पूरी तरह से गोपनीय
परीक्षण पूरा होने के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), एयरपोर्ट ऑपरेटर डायल, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और यात्रियों से प्रतिक्रिया ली जाएगी। मूल्यांकन करने के बाद उसे एयरपोर्ट से सभी यात्रियों के लिए शुरू कर दिया जाएगा। यह फुल-बॉडी स्कैनर मशीन एक मिलीमीटर-वेव आधारित है, जिसमें स्वास्थ्य जोखिम का खतरा नहीं है और यात्रियों की निजता भी पूरी तरह से गोपनीय रहेगी। इस मशीन में यात्री एंट्री करेंगे तो उनके कपड़ों के नीचे छिपी किसी भी चीज का बहुत ही आसानी से पता चल सकेगा। फुल-बॉडी स्कैनर मशीन कर्मियों को असहज स्थिति से बचाएगा और सुरक्षा जांच में भी तेजी आएगी।