- दिल्ली में बढ़ते कोरोना के नए मामलों के बीच मजदूरों का पलायन शुरू हुआ
- प्रवासी मजदूरों को लगता है कि आने वाले दिनों में राजधानी में लॉकडाउन लगेगा
- सीएम केजरीवाल का कहना है कि स्थिति अभी नियंत्रण में, लॉकडाउन आखिरी विकल्प
नई दिल्ली : राजधानी में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली के आईएसबीटी और आनंद विहार स्टेशनों पर पिछले साल जैसा नजारा सामने आने लगा है। लॉकडाउन की आशंका में प्रवासी मजदूर परिवार के साथ अपने गृह राज्य लौटने लगे हैं। मजदूरों का कहना है कि राजधानी दिल्ली में जिस तरह से कोरोना के नए केस बढ़ रहे हैं उससे जाहिर है कि आने वाले दिनों में यहां लॉकडाउन लगेगा। लॉकडाउन की आशंका के चलते ये प्रवासी घबराए हुए हैं। उनका कहना है कि अब घर जाने की सिवाय उनके पास कोई और विकल्प नहीं है।
दिल्ली में अभी हालात नियंत्रण में-केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि अभी दिल्ली में लॉकडाउन लगाने की स्थिति नहीं है। हालांकि, उन्होंने लॉकडाउन से इंकार भी नहीं किया। केजरीवाल ने कहा कि अभी दिल्ली की हालत ऐसी नहीं है कि यहां लॉकडाउन लगाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों के भर जाने के बाद इसकी नौबत आ सकती है। उन्होंने कहा, 'संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ती है। अभी दिल्ली के अस्पतालों में ऐसी नौबत नहीं आई है।' उन्होंने लोगों से गंभीर होने पर ही अस्पताल आने के अपील की है। केजरीवाल ने कहा कि अस्पतालों में कोविड बेड उन्हीं को मिलना चाहिए जिसको इनकी जरूरत है। हल्के लक्षण वाले लोग घर पर आइसोलेशन में रहे।
'घर जाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं
सोमवार को एक प्रवासी मजदूर ने कहा, 'दिल्ली में जिस तरह से कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखने से यही लगता है कि आने वाले दिनों में यहां लॉकडाउन लागू किया जाएगा। यही वजह है कि मैं अपने घर जा रहा हूं।'
राजधानी में तेजी से बढ़ रहा संक्रमण
दिल्ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 10,774 नए केस सामने आए जबकि 48 लोगों की मौत हुई। फरवरी महीने में राजधानी में प्रतिदिन का आंकड़ा 100-200 के करीब पहुंच गया था लेकिन इसके बाद संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि होनी शुरू हुई। महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने कई प्रतिबंधात्मक उपाय किए हैं। शहर में 30 अप्रैल तक रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। केजरीवाल खुद स्थिति पर नजर रख रहे हैं। लॉकडाउन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'दिल्ली सरकार लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है लेकिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या अगर बढ़ती रही तो इसे लागू करने के अलावा हमारे पास कोई और विकल्प नहीं बचेगा।'
युवा पीढ़ी आ रही महामारी के गिरफ्त में
मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते 10 दिनों में संक्रमण के जो मामले आए हैं उनमें युवाओं की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि जो नए मामले सामने आ रहे हैं उनमें 65 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 45 साल से कम है। यह बड़ा आंकड़ा है ऐसे में हमें इस उम्र के नीचे के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की जरूरत है। केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अगर उन्हें पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध कराए तो उनकी सरकार तीन महीने में पूरे राज्य में लोगों का टीकाकरण देगी। उन्होंने टीकों का उत्पादन बढ़ाए जाने की मांग की। साथ ही कहा कि दिल्ली में अभी टीकों की कमी नहीं है।